मेडिकल क्षेत्र की पढ़ाई करके करियर बनाने के इच्छुक छात्र-छात्रओं को
यूपी बोर्ड बड़ी देने जा रहा है। प्रदेश के 26 हजार से अधिक माध्यमिक
स्कूलों में अब हेल्थ केयर की भी पढ़ाई होने का रास्ता साफ हो गया है।
बोर्ड ने इसका पाठ्यक्रम तैयार करा लिया है, जिसे अगले शैक्षिक सत्र से सभी
स्कूलों में लागू किया जाएगा।
1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड के
कालेजों में केंद्र सरकार की रिवाइज्ड व्यावसायिक शिक्षा योजना के तहत पांच
नए विषयों की पढ़ाई कराने की संस्तुति प्रदेश सरकार ने दी थी। आटोमोबाइल,
आइटी/आइटीईएस, रिटेल ट्रेडिंग व सुरक्षा कोड की पढ़ाई तो चुनिंदा कालेजों
में शुरू हुई थी लेकिन, हेल्थ केयर को लेकर असमंजस बना रहा। सरकार की मंशा
पर अब इसका पाठ्यक्रम तैयार कराया गया है, जिसमें फस्र्ट एड, नर्सिग स्टॉफ
के कार्य, बीमारियों, आग से बचाव जैसे विषयों को समाहित किया गया है। इसे
कक्षा 9 से लेकर 12 तक में चरणवार लागू किया जाएगा। फिलहाल ये विषय भी
वैकल्पिक विषय के रूप में रहेगा। 1यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने
बताया कि पाठ्यक्रम का कार्य पूरा हो गया है, अब इसे पढ़ाने वालों की
योग्यता तय करने पर विमर्श चल रही है। यह कार्य इसी सप्ताह पूरा होगा और
फिर शासन को पूरा प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन के अनुमोदन के बाद इसे अगले
सत्र से लागू किया जाएगा।
कई विषयों में भी हो रहा बदलाव : यूपी बोर्ड ने इसी सत्र से हाईस्कूल व
इंटरमीडिएट में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। पहले चरण में दोनों
अहम परीक्षाओं के कुछ विषयों में ही बदलाव हो सका है, जो शेष रह गए हैं,
उनका भी पाठ्यक्रम बदलने की प्रक्रिया चल रही है। इसे भी अगले सत्र से लागू
करने की योजना है।
वैदिक गणित को लागू किया : यूपी बोर्ड ने प्रदेश सरकार की मंशा पर इसी सत्र
से वैदिक गणित को लागू किया है। इसके लिए अलग से किताब तैयार कराई गई है।
इसमें आंतरिक मूल्यांकन के जरिये अंक दिए जाएंगे। फिलहाल इसे कक्षा नौ व दस
में लागू किया गया है।
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