मोबाइल एप के जरिये परिषदीय स्कूलों की ऑनलाइन एकेडमिक मॉनीटरिंग की रफ्तार सुस्त है। ब्लॉक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) पर तैनात सह-समन्वयक इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं।
इस वजह से बेसिक शिक्षा विभाग के इस अभिनव प्रयोग के वांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। तकनीक के इस्तेमाल से परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार की मुहिम को झटका लगा है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात सह-समन्वयकों को परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण, शिक्षकों को शैक्षिक सहयोग करने के अलावा कक्षाओं का मुआयना करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
परिषदीय स्कूलों की ऑनलाइन एकेडमिक मॉनीटरिंग के लिए एंड्रायड आधारित ‘ईक्षा’ नामक मोबाइल एप विकसित किया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक अगस्त को सह-समन्वयकों को मोबाइल एप के माध्यम से कक्षा का अवलोकन करने का निर्देश दिया था। प्रत्येक सह-समन्वयक को रोजाना अधिकतम दो स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था। स्कूल के निरीक्षण के आधार पर प्राप्त हुए फीडबैक को भी एप पर अपलोड करने की अपेक्षा है। यह मोबाइल एप जीपीएस आधारित है।
सह-समन्वयकों द्वारा मोबाइल एप के जरिये अगस्त से लेकर अक्टूबर तक प्रदेश के 51 जिलों के महज 3463 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों और 1686 उच्च प्राथमिक स्कूलों की मॉनीटरिंग की गई। हालांकि, प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित 1,13,256 प्राथमिक और 45,595 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इस हिसाब से तीन माह में महज 3.1 फीसद प्राथमिक स्कूल और 3.7 प्रतिशत उच्च प्राथमिक विद्यालय ही अब तक कवर किए जा सके हैं।
इस वजह से बेसिक शिक्षा विभाग के इस अभिनव प्रयोग के वांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। तकनीक के इस्तेमाल से परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार की मुहिम को झटका लगा है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात सह-समन्वयकों को परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण, शिक्षकों को शैक्षिक सहयोग करने के अलावा कक्षाओं का मुआयना करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
परिषदीय स्कूलों की ऑनलाइन एकेडमिक मॉनीटरिंग के लिए एंड्रायड आधारित ‘ईक्षा’ नामक मोबाइल एप विकसित किया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक अगस्त को सह-समन्वयकों को मोबाइल एप के माध्यम से कक्षा का अवलोकन करने का निर्देश दिया था। प्रत्येक सह-समन्वयक को रोजाना अधिकतम दो स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था। स्कूल के निरीक्षण के आधार पर प्राप्त हुए फीडबैक को भी एप पर अपलोड करने की अपेक्षा है। यह मोबाइल एप जीपीएस आधारित है।
सह-समन्वयकों द्वारा मोबाइल एप के जरिये अगस्त से लेकर अक्टूबर तक प्रदेश के 51 जिलों के महज 3463 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों और 1686 उच्च प्राथमिक स्कूलों की मॉनीटरिंग की गई। हालांकि, प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित 1,13,256 प्राथमिक और 45,595 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इस हिसाब से तीन माह में महज 3.1 फीसद प्राथमिक स्कूल और 3.7 प्रतिशत उच्च प्राथमिक विद्यालय ही अब तक कवर किए जा सके हैं।