प्रदेश सरकार 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2019 के लिए पूरी चॉक-चौबंद व्यवस्था करेगी। परीक्षा की निगरानी के लिए शासन की ओर से जिलाधिकारी(डीएम) एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी)को
जिम्मेदारी दी गई है। मंडल मुख्यालय के जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के निर्देशन एवं देखरेख में शुचितापूर्वक परीक्षा कराई जाएगी। यह समिति परीक्षा संचालन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। समिति में सदस्य के तौर पर मंडल स्तर से संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, प्राचार्य डायट एवं जिला स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है।
प्रदेश सरकार मई 2018 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा की गड़बड़ी से परेशान होकर अब नई भर्ती में कड़ी निगरानी करने का फैसला किया है। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो और चुनावी वर्ष में गड़बड़ी को लेकर सरकार की किरकिरी न हो इस बात को ध्यान में रखकर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए केंद्रों का निर्धारण शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में कराया जाए। डीएम को निर्देश दिया गया है कि वित्तविहीन विद्यालयों को किसी भी हालत में परीक्षा केंद्र न बनाया जाए।
परीक्षा केंद्र पर 500 से अधिक अभ्यर्थी आवंटित नहीं करने को कहा गया है। 68500 शिक्षक भर्ती के परिणाम की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने मूल्यांकन की गड़बड़ी का आरोप लगाकर पूरी परीक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा कर दिया गया था। परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी, इसके बाद हुए दोबारा मूल्यांकन में कई परीक्षार्थियों के अंक बढ़ गए। परीक्षार्थियों की शिकायत के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से बीच में फंस गई है।
जिम्मेदारी दी गई है। मंडल मुख्यालय के जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के निर्देशन एवं देखरेख में शुचितापूर्वक परीक्षा कराई जाएगी। यह समिति परीक्षा संचालन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। समिति में सदस्य के तौर पर मंडल स्तर से संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, प्राचार्य डायट एवं जिला स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है।
प्रदेश सरकार मई 2018 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा की गड़बड़ी से परेशान होकर अब नई भर्ती में कड़ी निगरानी करने का फैसला किया है। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो और चुनावी वर्ष में गड़बड़ी को लेकर सरकार की किरकिरी न हो इस बात को ध्यान में रखकर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए केंद्रों का निर्धारण शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में कराया जाए। डीएम को निर्देश दिया गया है कि वित्तविहीन विद्यालयों को किसी भी हालत में परीक्षा केंद्र न बनाया जाए।
परीक्षा केंद्र पर 500 से अधिक अभ्यर्थी आवंटित नहीं करने को कहा गया है। 68500 शिक्षक भर्ती के परिणाम की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने मूल्यांकन की गड़बड़ी का आरोप लगाकर पूरी परीक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा कर दिया गया था। परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी, इसके बाद हुए दोबारा मूल्यांकन में कई परीक्षार्थियों के अंक बढ़ गए। परीक्षार्थियों की शिकायत के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से बीच में फंस गई है।