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अंकों में पास, मार्कशीट में फेल: शिक्षक भर्ती के मूल्यांकन में धांधली के बाद अब बीटीसी का परिणाम सवालों के घेरे में

लखनऊ : सहायक शिक्षक भर्ती के मूल्यांकन में धांधली उजागर होने के बाद अब बीटीसी का परिणाम सवालों के घेरे में है। स्थिति यह है कि इसमें कई प्रशिक्षु अंकों में तो पास हैं, मगर मार्कशीट में फेल लिख दिया गया है।
ऐसे में अभ्यर्थियों ने इसे शिक्षक भर्ती से वंचित करने का षडयंत्र करार देकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दरअसल, बीटीसी चतुर्थ सेमेस्टर का परिणाम 12 दिसंबर को जारी हुआ। इसमें करीब साढ़े चौबीस हजार प्रशिक्षु को फेल घोषित किया गया। ऐसे में जनवरी में शिक्षक भर्ती की आस में बैठे हजारों लोगों को झटका लगा। वहीं प्रशिक्षुओं ने जब परिणाम खंगालना शुरू किया तो वह दंग रह गए। आरोप है कि 80 फीसद को अंग्रेजी व 20 फीसद बीटीसी प्रशिक्षुओं को गणित में फेल करार दिया गया है। इनमें कॉपी जांचने में मनमानी की गई। पूरे बैच में अधिकतर प्रशिक्षुओं को सीरीज से नंबर बांटे गए हैं। मसलन, मूल्यांकन में प्रशिक्षुओं को पांच से सात नंबर एक साथ बांटे गए। वहीं सुलतानपुर की सुंदरा देवी शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान की सुधा सिंह मार्कशीट देखकर हैरान रह गईं। उनके रोल नंबर 181611348 की मार्कशीट में नौ विषयों व इंटर्नशिप के प्राप्ताकों में वह पास हैं, मगर मार्कशीट पर फेल लिखा है। उन्हें लिखित के पूर्णाक 1475 में से 1196 नंबर मिले हैं, वहीं आंतरिक मूल्यांकन पूर्णाक 1725 में से 1693 अंक हासिल किए हैं।

परीक्षा से पहले आउट हो चुका पेपर : बीटीसी संयुक्त मोर्चा, लखनऊ का नेतृत्व कर रहीं सौम्या के मुताबिक हजारों छात्रों को फेल करना प्रस्तावित शिक्षक भर्ती से वंचित करने का षडयंत्र है। इसलिए सितंबर में निर्धारित सत्र समापन के बजाए देरी कर दिसंबर में परिणाम जारी किया गया। वहीं आठ-नौ अक्टूबर को सेमेस्टर परीक्षा का पेपर आउट करना भी साजिश का हिस्सा रहा।

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