LUCKNOW :सूबे में 68,500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में हुए
फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई लखनऊ की
एंटी करप्शन ब्रांच ने केस दर्ज करने की कवायद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ
बेंच के आदेश पर की है.
सीबीआई ने इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अज्ञात अफसरों, प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अज्ञात अफसरों के अलावा अज्ञात अफसरों, लोक सेवकों और प्राइवेट लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, सुबूत नष्ट करने, आपसी दुरभि संधि करने, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोपी बनाया है. सीबीआई अब पहले परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े तमाम दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेगी, इसके बाद वह संबंधित अधिकारियों और प्राइवेट लोगों से पूछताछ करेगी.
डबल बेंच में की थी अपील
ध्यान रहे कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच सीबीआई से न कराने के लिए राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील की थी जिस पर फैसला आना अभी बाकी है. राज्य सरकार का कहना था कि उसके द्वारा की गयी जांच में किसी अफसर की आपराधिक भूमिका होने के प्रमाण नहीं मिले है. दरअसल हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायाधीश इरशाद अली की बेंच ने विगत एक नवंबर को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश किया था. सीबीआई को आगामी 10 दिसंबर को हाईकोर्ट के सामने प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करनी है जबकि छह महीने में जांच पूरी करने है. सीबीआई की एफआईआर में कोर्ट के आदेश का उल्लेख भी किया है जिसमें 42 याचिकाकर्ताओं ने बताया कि किस तरह कापियां जांचने और रिजल्ट बनाने में गड़बडि़यां की गईं. वहीं अंसर शीट की बार कोडिंग करने वाली एजेंसी द्वारा 12 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने की स्वीकारोक्ति के बावजूद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई. याचिका करने वालों ने कोर्ट को कुछ अभ्यर्थियों की अंसर शीट फाड़ने और कुछ के पन्ने बदलने के प्रमाण भी दिए थे.
इस तरह हुई गड़बडि़यां
हाईकोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं में बताया गया कि किसी तरह अंसर शीट में गड़बडि़यां अंजाम दी गयी. रेखा सिंह को 65 अंक दिए गए, लेकिन उसका योग 80 था. अनुपम प्रताप सिंह को 61 अंक दिए गए जबकि उसका योग 91 हो रहा था. इसी तरह शिव पूजन यादव को 80 के बजाय 66 अंक ही दिए गए. एक याचिकाकर्ता के 66 नंबर होने के बावजूद उसे फेल कर दिया गया और 60 नंबर वाले को पास कर दिया गया. एजेंसी द्वारा 12 अभ्यर्थियों की कापियां ही बदल दी गईं. बाद में उनकी सही कापियों को जांचा गया तो उन्हें सही नंबर मिले. ऐसे ही 23 अभ्यर्थी जिन्हें पहली सूची में पास बता दिया गया था वे फेल निकले और दूसरी लिस्ट में 24 अभ्यर्थी जिन्हें फेल बताया था वे पास निकले.
इन धाराओं में केस दर्ज
120बी, 409, 420,201, 467, 468, एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13(1) ए, 13(2)
फैक्ट फाइल
09 जनवरी : सहायक अध्यापक भर्ती 2018 का विज्ञापन जारी
25 जनवरी : भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
12 मार्च : लिखित परीक्षा की तारीख टाली गई
27 मई : लिखित परीक्षा प्रदेश भर में आयोजित
13 अगस्त : परीक्षा परीक्षा परिणाम जारी, 41556 सफल
01 सितंबर : सोनिका देवी की आंसर शीट बदलने का हाईकोर्ट में खुलासा
08 सितंबर : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव निलंबित अन्य पर कार्रवाई, जांच टीम गठित
28 सितंबर : हाईकोर्ट ने जांच में लीपापोती करने पर नाराजगी जताई
05 अक्टूबर : जांच समिति की रिपोर्ट पर रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार निलंबित
01 नवंबर : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीबीआई जांच का दिया आदेश
सीबीआई ने इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अज्ञात अफसरों, प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अज्ञात अफसरों के अलावा अज्ञात अफसरों, लोक सेवकों और प्राइवेट लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, सुबूत नष्ट करने, आपसी दुरभि संधि करने, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोपी बनाया है. सीबीआई अब पहले परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े तमाम दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेगी, इसके बाद वह संबंधित अधिकारियों और प्राइवेट लोगों से पूछताछ करेगी.
डबल बेंच में की थी अपील
ध्यान रहे कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच सीबीआई से न कराने के लिए राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील की थी जिस पर फैसला आना अभी बाकी है. राज्य सरकार का कहना था कि उसके द्वारा की गयी जांच में किसी अफसर की आपराधिक भूमिका होने के प्रमाण नहीं मिले है. दरअसल हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायाधीश इरशाद अली की बेंच ने विगत एक नवंबर को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश किया था. सीबीआई को आगामी 10 दिसंबर को हाईकोर्ट के सामने प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करनी है जबकि छह महीने में जांच पूरी करने है. सीबीआई की एफआईआर में कोर्ट के आदेश का उल्लेख भी किया है जिसमें 42 याचिकाकर्ताओं ने बताया कि किस तरह कापियां जांचने और रिजल्ट बनाने में गड़बडि़यां की गईं. वहीं अंसर शीट की बार कोडिंग करने वाली एजेंसी द्वारा 12 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने की स्वीकारोक्ति के बावजूद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई. याचिका करने वालों ने कोर्ट को कुछ अभ्यर्थियों की अंसर शीट फाड़ने और कुछ के पन्ने बदलने के प्रमाण भी दिए थे.
इस तरह हुई गड़बडि़यां
हाईकोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं में बताया गया कि किसी तरह अंसर शीट में गड़बडि़यां अंजाम दी गयी. रेखा सिंह को 65 अंक दिए गए, लेकिन उसका योग 80 था. अनुपम प्रताप सिंह को 61 अंक दिए गए जबकि उसका योग 91 हो रहा था. इसी तरह शिव पूजन यादव को 80 के बजाय 66 अंक ही दिए गए. एक याचिकाकर्ता के 66 नंबर होने के बावजूद उसे फेल कर दिया गया और 60 नंबर वाले को पास कर दिया गया. एजेंसी द्वारा 12 अभ्यर्थियों की कापियां ही बदल दी गईं. बाद में उनकी सही कापियों को जांचा गया तो उन्हें सही नंबर मिले. ऐसे ही 23 अभ्यर्थी जिन्हें पहली सूची में पास बता दिया गया था वे फेल निकले और दूसरी लिस्ट में 24 अभ्यर्थी जिन्हें फेल बताया था वे पास निकले.
इन धाराओं में केस दर्ज
120बी, 409, 420,201, 467, 468, एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13(1) ए, 13(2)
फैक्ट फाइल
09 जनवरी : सहायक अध्यापक भर्ती 2018 का विज्ञापन जारी
25 जनवरी : भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
12 मार्च : लिखित परीक्षा की तारीख टाली गई
27 मई : लिखित परीक्षा प्रदेश भर में आयोजित
13 अगस्त : परीक्षा परीक्षा परिणाम जारी, 41556 सफल
01 सितंबर : सोनिका देवी की आंसर शीट बदलने का हाईकोर्ट में खुलासा
08 सितंबर : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव निलंबित अन्य पर कार्रवाई, जांच टीम गठित
28 सितंबर : हाईकोर्ट ने जांच में लीपापोती करने पर नाराजगी जताई
05 अक्टूबर : जांच समिति की रिपोर्ट पर रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार निलंबित
01 नवंबर : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीबीआई जांच का दिया आदेश