जो भी अभ्यर्थी टीईटी-2017 से प्रभावित हैं, उनके संज्ञान हेतु सूचित हो कि कल कोर्ट नम्बर 1 में जस्टिस विक्रमनाथ एवं जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच में उक्त प्रकरण की सुनवाई हुई, समय की न्यूनता के कारण
उचित सार निकल कर नही आया फलस्वरूप सोमवार दिनांक- 21 जनवरी 2019 को सेम बेंच में पुनः सुनवाई
लगी है, सभी रणनीतियों को गोपनीयता के साथ बताना है की टीईटी-2017 को निस्तारित किये बिना 69000 भर्ती दिवास्वप्न साबित होगी, जिनके कारण का उल्लेख करना अब उचित नही है, इसलिए सभी 2017 से प्रभावित धैर्य रखें।
उचित सार निकल कर नही आया फलस्वरूप सोमवार दिनांक- 21 जनवरी 2019 को सेम बेंच में पुनः सुनवाई
लगी है, सभी रणनीतियों को गोपनीयता के साथ बताना है की टीईटी-2017 को निस्तारित किये बिना 69000 भर्ती दिवास्वप्न साबित होगी, जिनके कारण का उल्लेख करना अब उचित नही है, इसलिए सभी 2017 से प्रभावित धैर्य रखें।