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शिक्षक भर्ती परीक्षा चढ़ी विवादों की भेंट, चुनाव से पहले हो सकता है बड़ा एलान

प्रदेश के 1.37 लाख शिक्षामित्रों के बदले सूबे के परिषदीय विद्यालयों में होने वाली 68500 और 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती विवादों की भेंट चढ़ गई।

हाईकोर्ट की रोक एवं प्रशासनिक अड़चनों के कारण शिक्ष्ल भर्ती परीक्षा अभी भी पूरी नहीं हो पा रही है। 69 हजार शिक्षक भर्ती में पर्चा आउट होने और परीक्षा में कटऑफ को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वहीं विगत की 68500 भर्ती में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद शिक्षक भर्ती पूरी नहीं हो पा रही है। अभी भी 27 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, वही कोर्ट में भी 30-33 और 40-45 कट ऑफ का विवाद कोर्ट  में लंबित है.

योगी  सरकार की मंशा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले परिषदीय विद्यालयों में शिक्षामित्रों से खाली हुए 1.37 लाख पदों को भरने की थी, लेकिन अब यह लगता है कि उक्त दोनों भर्तियाँ लोक सभा चुनाव से पहले पूरी होने की उम्मीद नहीं है।

शासन की ओर से गतिमान 69000 शिक्षक भर्ती में प्रश्नपत्र आउट होने तथा कटऑफ को लेकर भर्ती के बीच नए नियम बनाए जाने के चलते पूरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में फंस गई है। अब इस शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। बीते 15 दिन से अधिक समय से परीक्षार्थी PNP पर आंदोलन कर रहे हैं।वहीँ दूसरी ओर देखें तो 68500 पदों की शिक्षक भर्ती में कापियों के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के चलते अभी तक PNP कापियों के दोबारा मूल्यांकन करा कर दोबारा रिजल्ट आउट नहीं कर सका है.
इस विवाद के चलते विगत में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक  डॉ. सुत्ता सिंह पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
अब देखना यह कि सरकार इन दोनों भर्तियों को पूर्ण करने के लिए कौन सा बीच का रास्ता निकालती है.

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