कल कट ऑफ मामले की सुनवाई में सुबह कोर्ट 11 बजे बैठी और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शिक्षामित्र के अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा जी ने पक्ष रखना शुरू किया
जिसका पूरा पूरा उद्देश्य सिर्फ कट ऑफ को पिछली भर्ती के अनुरूप 40/45% प्रतिशत कारवाना था ,इस सम्बंध में उन्होंने कई केश के उद्धरण भी कोर्ट में रखे, और यह भी बोला की पिछली भर्ती में सरकार ने 40/45% को खुद यह कह कर कट ऑफ कम करना चाह रही थी की यह अधिक है और 30/33% पर भर्ती के लिए कोर्ट में पैरवी की ,जो की वर्तमान में चौहान साहब की ही बेंच में अभी भी पेंडिंग है, जबकि शिक्षामित्रों को शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लगातार दो भर्ती में थे तो इस भर्ती में ऐसा क्या हो गया कि सरकार अचानक ही इतना हाई कट ऑफ लागू की ,यह जानबूझ कर शिक्षामित्रों को बाहर करने के लिए ही लगाया गया है, तब जज साहब ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी की पिछली बार से जस्ट डबल कट ऑफ है इस बार, तब उपेंद्र मिश्रा जी भी यस यस कहने लगे, इसके बाद मिश्रा जी ने एग्जाम से पहले कट ऑफ डिक्लेयर न किये जाने पर तर्क रखे की बिना ग़ोल बताए(कट ऑफ) एग्जाम कराया और अंत में ग़ोल पोस्ट ही चेंज कर दिया, जब तक ग़ोल नही निर्धारित रहेगा हम कैसे उसके प्रति अलर्ट रहेंगे अतः बाद में कट ऑफ लगाना अनुचित है, और भी अन्य भर्तियों के उद्धरण दिए की किसी में इतना हाई कट ऑफ नही रखा गया है, बहुत सारे तर्क दिए शिक्षामित्रों के पक्ष में की 16 साल से सेवा कर रहे, मात्र टेट पास न होने के कारण समायोजन रद्द हुआ है,
और गवर्मेंट ने जो वेटेज दिया है वह फाइनल सिलेक्शन में है और उससे पहले ही हाई कट ऑफ लगा कर हमें बाहर कर दिया जा, रहा ,जोरदार बहस की सरकार के कॉउंटर पर भी बहुत सारे तर्क दिए की यह फ़िलहाल जज साहब भी काफी इंट्रेस्ट लेकर पूरा दिन तथा पिछले दो दिन से सिर्फ उपेंद्र मिश्रा जी को सुन रहे,यह केश लम्बा खिंचता चला जा रहा, फिर जज साहब ने उपेंद्र मिश्रा जी को रोका की इलाहाबाद से आये अधिवक्ता एच एन सिंह जो की कल से ही कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए इन्तजार कर रहे अतः आप उन्हें बोल लेने दीजिये उन्हें आज वापस जाना है,और आप कल बोलिएगा, फिर एच एन सिंह जो की बीएड वालों की इस बार प्राथमिक में अवैध तरीके से हो रही इंट्री के खिलाफ केश फाइल किया है बोलना प्रारम्भ किया और बताया कि बीएड वालो को प्राथमिक में क्या जरुरत है एंट्री देने की जबकि btc पर्याप्त मात्रा में है, और यह विज्ञापन सहायक अध्यापक का है और बीएड वालों को प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर रखा जाता है, जबकि पिछली बार का विग्यापन और इस बार का विज्ञापन दोनों सहायक अध्यापक पद के है, तो पिछली बार सिर्फ btc थे तो सहायक अध्यापक के पद पर इस बीएड भी कैसे आ सकते हैं, बीएड का विज्ञापन प्रशिक्षु का होता है,
फ़िलहाल कोर्ट में आज बीएड और कट ऑफ दोनों के ख़िलाफ़ जबरदस्त माहौल था ,जज साहब भी इंटरेस्ट से सुन रहे थे, बिना ऑपोस किये, इसी के साथ समय खत्म हो गया था, आज दोपहर 2,15 pm की सुनवाई लगा दी है और आज भी शिक्षामित्र के ही अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे.
जिसका पूरा पूरा उद्देश्य सिर्फ कट ऑफ को पिछली भर्ती के अनुरूप 40/45% प्रतिशत कारवाना था ,इस सम्बंध में उन्होंने कई केश के उद्धरण भी कोर्ट में रखे, और यह भी बोला की पिछली भर्ती में सरकार ने 40/45% को खुद यह कह कर कट ऑफ कम करना चाह रही थी की यह अधिक है और 30/33% पर भर्ती के लिए कोर्ट में पैरवी की ,जो की वर्तमान में चौहान साहब की ही बेंच में अभी भी पेंडिंग है, जबकि शिक्षामित्रों को शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लगातार दो भर्ती में थे तो इस भर्ती में ऐसा क्या हो गया कि सरकार अचानक ही इतना हाई कट ऑफ लागू की ,यह जानबूझ कर शिक्षामित्रों को बाहर करने के लिए ही लगाया गया है, तब जज साहब ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी की पिछली बार से जस्ट डबल कट ऑफ है इस बार, तब उपेंद्र मिश्रा जी भी यस यस कहने लगे, इसके बाद मिश्रा जी ने एग्जाम से पहले कट ऑफ डिक्लेयर न किये जाने पर तर्क रखे की बिना ग़ोल बताए(कट ऑफ) एग्जाम कराया और अंत में ग़ोल पोस्ट ही चेंज कर दिया, जब तक ग़ोल नही निर्धारित रहेगा हम कैसे उसके प्रति अलर्ट रहेंगे अतः बाद में कट ऑफ लगाना अनुचित है, और भी अन्य भर्तियों के उद्धरण दिए की किसी में इतना हाई कट ऑफ नही रखा गया है, बहुत सारे तर्क दिए शिक्षामित्रों के पक्ष में की 16 साल से सेवा कर रहे, मात्र टेट पास न होने के कारण समायोजन रद्द हुआ है,
और गवर्मेंट ने जो वेटेज दिया है वह फाइनल सिलेक्शन में है और उससे पहले ही हाई कट ऑफ लगा कर हमें बाहर कर दिया जा, रहा ,जोरदार बहस की सरकार के कॉउंटर पर भी बहुत सारे तर्क दिए की यह फ़िलहाल जज साहब भी काफी इंट्रेस्ट लेकर पूरा दिन तथा पिछले दो दिन से सिर्फ उपेंद्र मिश्रा जी को सुन रहे,यह केश लम्बा खिंचता चला जा रहा, फिर जज साहब ने उपेंद्र मिश्रा जी को रोका की इलाहाबाद से आये अधिवक्ता एच एन सिंह जो की कल से ही कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए इन्तजार कर रहे अतः आप उन्हें बोल लेने दीजिये उन्हें आज वापस जाना है,और आप कल बोलिएगा, फिर एच एन सिंह जो की बीएड वालों की इस बार प्राथमिक में अवैध तरीके से हो रही इंट्री के खिलाफ केश फाइल किया है बोलना प्रारम्भ किया और बताया कि बीएड वालो को प्राथमिक में क्या जरुरत है एंट्री देने की जबकि btc पर्याप्त मात्रा में है, और यह विज्ञापन सहायक अध्यापक का है और बीएड वालों को प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर रखा जाता है, जबकि पिछली बार का विग्यापन और इस बार का विज्ञापन दोनों सहायक अध्यापक पद के है, तो पिछली बार सिर्फ btc थे तो सहायक अध्यापक के पद पर इस बीएड भी कैसे आ सकते हैं, बीएड का विज्ञापन प्रशिक्षु का होता है,
फ़िलहाल कोर्ट में आज बीएड और कट ऑफ दोनों के ख़िलाफ़ जबरदस्त माहौल था ,जज साहब भी इंटरेस्ट से सुन रहे थे, बिना ऑपोस किये, इसी के साथ समय खत्म हो गया था, आज दोपहर 2,15 pm की सुनवाई लगा दी है और आज भी शिक्षामित्र के ही अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे.