हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा मामले में बुधवार को भी याची पक्ष की ओर से बहस की गई। याचियों की ओर से अधिवक्ता यूएन मिश्रा ने पक्ष रखा।
उन्होंने सरकार द्वारा लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के विरोध में विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए दलील दी। जिसके बाद न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखने के निर्देश दिए।
इसके पूर्व कुछ याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने दलील दी थी कि यदि क्वालिफाइंग मार्क्स 60 65 प्रतिशत रखा गया तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 नम्बर का वेटेज शिक्षामित्रों को दिये जाने के निर्णय का याचियों को लाभ ही नहीं मिलेगा। उन्होंने भी लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के सरकार के निर्णय को अविधिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि क्वालिफाइंग मार्क्स तय ही किया जा रहा है तो पूर्व परीक्षा के भांति ही इसे रखा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पूर्व परीक्षा में क्वालिफाइंग मार्क्स 40 व 45 प्रतिशत रखा गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि याचियों के लिए यह आखिरी मौका है।
उन्होंने सरकार द्वारा लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के विरोध में विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए दलील दी। जिसके बाद न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखने के निर्देश दिए।
इसके पूर्व कुछ याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने दलील दी थी कि यदि क्वालिफाइंग मार्क्स 60 65 प्रतिशत रखा गया तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 नम्बर का वेटेज शिक्षामित्रों को दिये जाने के निर्णय का याचियों को लाभ ही नहीं मिलेगा। उन्होंने भी लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के सरकार के निर्णय को अविधिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि क्वालिफाइंग मार्क्स तय ही किया जा रहा है तो पूर्व परीक्षा के भांति ही इसे रखा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पूर्व परीक्षा में क्वालिफाइंग मार्क्स 40 व 45 प्रतिशत रखा गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि याचियों के लिए यह आखिरी मौका है।