69000 कटऑफ के संबंध में अज़ीम फरीदी प्राइमटाइम पोस्ट: जानिए क्या कहता है इनका विचार

अज़ीम फरीदी प्राइमटाइम पोस्ट*★★★
68500 भर्ती में मूल विज्ञापन 40/45% पा0 मा0 के साथ 9 जनवरी को जारी हुआ था   परन्तु बीच मे सरकार ने शिमि को खुश करने के लिए  21 मई को पा0 मा0 30/33% का शासनादेश जारी किया जिस पर हम बेहद खुश हुए तथा मास्टर बनने के सपने प्रत्येक टेट पास शिमि देखने लगा_

        _अब हुआ ये की जुलाई माह में दिवाकर सिंह नामक bitician ने पा0 मा0 बीच मे बदलने पर केस डाला जिसकी जानकारी हम सबको हुई लेकिन हम सबके बीच के ही कुछ विधिक ज्ञानी शिमि ये कहकर हमको रिलैक्स कर दिए कि कुछ नही होगा ये केस खारिज होजायेगा क्योंकि नियमावली में *पा0 मा0 को समय समय पर तय करने का अधिकार सरकार पर है और वो जब चाहे इसे बदल सकती है* हम सब ये सुनकर रिलैक्स रहे और मात्र एक हफ्ते में ही कोर्ट ने दिवाकर सिंह की याचिका पर अंतरिम आदेश करते हुए 21 मई के शासनादेश पर रोक लगाते हुए *सुप्रीम कोर्ट की नज़ीरों का हवाला देते हुए कि खेल के बीच मे नियम नही बदले जा सकते* कि बिना पर मूल विज्ञापन पर ही परीक्षा परिणाम जारी करने का आदेश दिया और सरकार ने भी उसको मानते हुए 40/45% पर रिजल्ट जारी करते हुए पूरी भर्ती सम्पन्न करदी और हम लोग हाथ मलते ही रह गए_
        _अब बात की जाए 69000 भर्ती की,यहाँ फिर पुनः इतिहास दोहराया गया और जबकि मूल विज्ञापन में किसी भी पा0 मा0 का ज़िक्र नही था उसके बाद भी सरकार ने 6 जन को परीक्षा होने के बाद 7 जन को उच्च उत्तीर्णअंक 60/65% का शासनादेश जारी कर दिया,जबकी सरकार को पिछली भर्ती की गलती से सबक लेते हुए ये नही करना था लेकिन फिर भी अयोग्य अधिकारियों के कहने में आकर ये किया गया।_
      _अब विरोधी वही कहते हैं जो पिछली बार हम कहते थे कि सरकार को पा0 मा0 निर्धारण करने का अधिकार है और कभी भी पा0मा0 का निर्धारण करसकती है।मुझे हंसी आती है ऐसे विद्वानों पर क्योंकि *मूल विज्ञापन में छेड़छाड़ का अधिकार मा0 सुप्रीम कोर्ट को भी नही है और खेल के बीच मे नियम नही बदले जासकते* इसी दलील पर 69000 शिक्षक भर्ती में भी पा0 मा0 का शून्य होना अटल है।कुछ विद्वेता कहते ह की नियमावली में उत्तीर्णअंक का ज़िक्र है तो यदि कोर्ट इस पर गया तो पिछली भर्ती के जितना उत्तीर्णअंक यानी 40/45% का आदेश जारी कर सकता है अन्यथा मेरे अनुमान से तो शून्य ही होगा।बाकी एक दो दिन में कोर्ट ऑर्डर आएगा और मूल विज्ञापन बहाल होगा।_

*जय संघर्ष*