कानपुर देहात-जिले की बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा हाल ही में समाज कल्याण विभाग से अनुदानित विद्यालय में जिलाधिकारी सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों को जानकारी के बगैर शिक्षक भर्ती की गई थी।
इस भर्ती प्रक्रिया में घोटाला उजागार होने पर सीडीओ ने बीते दिन पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए बीएसए से जवाब तलब किया था।
इस पर बीएसए संगीता सिंह ने समाज कल्याण निदेशालय के अपर आयुक्त व जिले के विभागीय अधिकारियों पर जानकारी न देने का आरोप लगाकर सीडीओ से माफी मांगते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की अनुमति देने की मांग की है।
बताते चलें कि कानपुर देहात में समाज कल्याण विभाग विकास की ओर से अकबरपुर शहर में महात्मा कबीर विद्यालय आवर्तक अनुदान पर संचालित है।
मामले में आरोप लगाया गया है कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी संगीता सिंह ने डीएम से भर्ती का अनुमोदन लिये बिना अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर प्रबंधक को विद्यालय में रिक्त तीन शिक्षक पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन 17 नवंबर को प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान कर दी।
इसके बाद मनमाने तरीके से 21 जनवरी को इसमें साक्षात्कार भी करा लिया।
जबकि समाज कल्याण विभाग से अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती डीएम के अनुमोदन व उनकी अध्यक्षता वाली समिति के जरिये किया जाता है।
जानकारी पर मुख्य विकास अधिकारी ने बीएसए पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जवाब तलब किया था।
हालांकि बीएसए ने कई शासनादेशों का हवाला देते हुए खुद का बचाव किया है।
इस भर्ती प्रक्रिया में घोटाला उजागार होने पर सीडीओ ने बीते दिन पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए बीएसए से जवाब तलब किया था।
इस पर बीएसए संगीता सिंह ने समाज कल्याण निदेशालय के अपर आयुक्त व जिले के विभागीय अधिकारियों पर जानकारी न देने का आरोप लगाकर सीडीओ से माफी मांगते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की अनुमति देने की मांग की है।
बताते चलें कि कानपुर देहात में समाज कल्याण विभाग विकास की ओर से अकबरपुर शहर में महात्मा कबीर विद्यालय आवर्तक अनुदान पर संचालित है।
मामले में आरोप लगाया गया है कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी संगीता सिंह ने डीएम से भर्ती का अनुमोदन लिये बिना अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर प्रबंधक को विद्यालय में रिक्त तीन शिक्षक पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन 17 नवंबर को प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान कर दी।
इसके बाद मनमाने तरीके से 21 जनवरी को इसमें साक्षात्कार भी करा लिया।
जबकि समाज कल्याण विभाग से अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती डीएम के अनुमोदन व उनकी अध्यक्षता वाली समिति के जरिये किया जाता है।
जानकारी पर मुख्य विकास अधिकारी ने बीएसए पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जवाब तलब किया था।
हालांकि बीएसए ने कई शासनादेशों का हवाला देते हुए खुद का बचाव किया है।