प्रयागराज : 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं के कारण निलंबित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र की पूर्व सचिव सुत्ता सिंह छह माह बाद बहाल हो गई हैं। शासन ने पूर्व सचिव की बहाली हाईकोर्ट के आदेश पर की है।
साथ ही यह भी दोहराया है कि पूर्व सचिव पर अनुशासनिक कार्रवाई चलती रहेगी। फिलहाल उन्हें बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को जारी हुआ था। रिजल्ट आते ही अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी को लेकर हंगामा किया। उसी बीच एक अभ्यर्थी का प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा और जांच में सामने आया कि उसकी कॉपी बदल दी गई है। यह मामला सीएम तक पहुंचा। शासन ने तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह को आठ सितंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा भी कई अफसरों पर कार्रवाई की गई थी। निलंबन के दौरान तय समय में उन्हें आरोप पत्र नहीं दिया गया, बाद में उन्हें आरोप पत्र मिला तो उसे पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने 14 मार्च 2019 को अंतरिम आदेश देते हुए पूर्व सचिव सुत्ता सिंह के निलंबन पर स्थगनादेश जारी किया, साथ ही शासन से जवाब-तलब किया। पूर्व सचिव सुत्ता सिंह 18 मार्च को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंची थी और एकतरफा कार्यभार ग्रहण कर लिया, हालांकि उसे शासन ने नहीं माना। अब विशेष सचिव आनंद सिंह ने जारी पत्र में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर उनका निलंबन खत्म करके सेवा में बहाल कर दिया गया है।
अब वे शिक्षा निदेशक बेसिक शिविर कार्यालय से संबद्ध रहेंगी। आदेश में यह भी कहा है कि उन पर चल रही अनुशासनिक कार्यवाही गतिमान रहेगी। विशेष सचिव ने आदेश में यह भी लिखा है कि पूर्व सचिव की तैनाती के संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा।
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साथ ही यह भी दोहराया है कि पूर्व सचिव पर अनुशासनिक कार्रवाई चलती रहेगी। फिलहाल उन्हें बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को जारी हुआ था। रिजल्ट आते ही अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी को लेकर हंगामा किया। उसी बीच एक अभ्यर्थी का प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा और जांच में सामने आया कि उसकी कॉपी बदल दी गई है। यह मामला सीएम तक पहुंचा। शासन ने तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह को आठ सितंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा भी कई अफसरों पर कार्रवाई की गई थी। निलंबन के दौरान तय समय में उन्हें आरोप पत्र नहीं दिया गया, बाद में उन्हें आरोप पत्र मिला तो उसे पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने 14 मार्च 2019 को अंतरिम आदेश देते हुए पूर्व सचिव सुत्ता सिंह के निलंबन पर स्थगनादेश जारी किया, साथ ही शासन से जवाब-तलब किया। पूर्व सचिव सुत्ता सिंह 18 मार्च को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंची थी और एकतरफा कार्यभार ग्रहण कर लिया, हालांकि उसे शासन ने नहीं माना। अब विशेष सचिव आनंद सिंह ने जारी पत्र में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर उनका निलंबन खत्म करके सेवा में बहाल कर दिया गया है।
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