फर्जीवाड़े में दो शिक्षक बर्खास्त

संवाद सहयोगी, हाथरस : बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले दो शिक्षकों पर अब बीएसए के द्वारा सख्त कार्रवाई तय कर दी गई है। नोटिस के बाद अब दोनों शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई और दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिए हैं।

हसायन ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला मया में तैनात सहायक अध्यापक रामसिंह की तैनाती 13 जनवरी 1995 को हुई थी। एक साल पूर्व शिकायतकर्ता हरप्रसाद पुत्र पीताम्बर सिंह तथा मुरारीलाल निवासी नगला डांडा ने शिक्षक के प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत अधिकारियों के समक्ष की थी। 11 जनवरी 2018 को शिक्षक की पत्रावली खंड शिक्षा अधिकारी ने बीएसए को उपलब्ध करा दी। शिक्षक के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्रों का सत्यापन मेरठ बोर्ड से कराया गया। विगत 28 मार्च को बीएसए को बोर्ड का सत्यापन प्राप्त हो गया। जिसमें कहा गया है कि हाईस्कूल की परीक्षा 1972 में रोल नंबर 54043 पर भगवान सिंह पुत्र रूपराम सिंह तथा इंटरमीडिएट परीक्षा 1974 रोल नंबर 26220 पर वीरीसिंह पुत्र किशनपाल का नाम अंकित है। दोनों ही छात्र परीक्षा में फेल हो गए थे। रामसिंह ने इन्हीं दोनों छात्रों के रोल नंबर पर अपनी फर्जी मार्कशीट तैयार कर नौकरी हासिल की थी। बीएसए हरीशचंद्र ने शिक्षक को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए 30 मार्च तक का समय दिया था। नोटिस के जबाव में शिक्षक ने कहा था कि उसके प्रमाणपत्र सही हैं और पुन सत्यापन करा लिया जाए। अब बीएसए ने शिक्षक की सेवा समाप्त कर रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ प्राप्त किए गए धन की रिकवरी के आदेश जारी किए हैं। दूसरे मामले में दो साल पूर्व उर्दू शिक्षक भर्ती में फिरदौस जहां पुत्री मोहम्मद लईक नाम की अभ्यर्थी ने काउंसलिग कराई थी। सहायक अध्यापक के पद पर हसायन के प्राथमिक विद्यालय बकायन में तैनाती दे दी गई। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा समस्त अभिलेखों को सत्यापन कराने के लिए संबंधित बोर्ड के लिए भेजा था। शिक्षिका ने काउंसलिग के दौरान शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रमाण पत्र जो लगाया था। उसमें शिक्षक के 92 नंबर अंकित थे, जिसके आधार पर सहायक अध्यापक की नौकरी मिली थी। अब कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां से शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की सत्यापन रिपोर्ट 27 फरवरी को आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त प्रमाण पत्र फर्जी हैं। वर्ष 2013 में टीइटी परीक्षा देने वाले फिरदौस जहां के वास्तविक अंक 17 हैं। सत्यापन रिपोर्ट आ जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी हरीशचंद्र ने शिक्षिका के वेतन पर रोक लगा दी थी। शिक्षिका ने नोटिस के जबाव में कहा था कि उसका टेट प्रमाण पत्र सही है,उसका पुन सत्यापन कराया जाए। बीएसए ने पुन सत्यापन कराने का कोई औचित्य नहीं समझा और अब सेवा समाप्त कर दी।

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एक शिक्षक व शिक्षिका के प्रमाणपत्र फर्जी निकले थे,जबाव लेने के बाद अब दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ प्राप्त किए गए वेतन की रिकवरी भी कराई जाएगी।

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