मुरादाबाद।
फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात चार शिक्षकों
पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। एसआइटी जांच में जिले में ऐसे चार
शिक्षक सामने आए हैं, जो फर्जी बीएड के प्रमाण पत्र बनवाकर स्कूलों में
तैनात हैं।
नाम सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार की ओर से सभी शिक्षकों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से 2004-05 में कई अभ्यर्थियों ने बीएड के फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए थे। मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर में करीब चार हजार अध्यापक सामने आए, जिनके प्रमाण पत्र फर्जी थे। जांच के बाद एसआइटी ने फर्जी प्रमाण पत्र देने वाले शिक्षकों की सीडी बेसिक शिक्षा परिषद को उपलब्ध कराई। इसमें मुरादाबाद के भी चार शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। इसके अलावा 29 अन्य शिक्षकों पर भी जांच चल रही है। मुरादाबाद में जो नाम सामने आए हैं, उसमें तीन सहायक अध्यापिकाएं और एक सहायक अध्यापक का नाम शामिल हैं।
वर्ष 2006 से होगी वेतन रिकवरी
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2006 में सभी शिक्षकों की तैनाती हुई थी। इसके बाद से दो अध्यापिकाएं छजलैट, एक बिलारी और एक ठाकुरद्वारा पर तैनात हैं। जांच में फर्जी अंक तालिका व प्रमाण पत्र पाए गए हैं, इस आधार पर नोटिस भेजा गया है। जवाब न देने पर बर्खास्तगी के साथ वेतन की रिकवरी भी होगी।
जनपद में विभिन्न प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी अंकपत्रों के जरिये नौकरी पाने वाले 11 शिक्षकों की सूची एसआइटी ने सौंपी थी। इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने कार्रवाई की है। साथ ही सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके अलावा रिकवरी के लिए भी कहा है। बीएसए ने बताया कि एसआइटी की ओर से सूची मिलने के बाद सभी 11 शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कराई गई। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
नाम सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार की ओर से सभी शिक्षकों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से 2004-05 में कई अभ्यर्थियों ने बीएड के फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए थे। मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर में करीब चार हजार अध्यापक सामने आए, जिनके प्रमाण पत्र फर्जी थे। जांच के बाद एसआइटी ने फर्जी प्रमाण पत्र देने वाले शिक्षकों की सीडी बेसिक शिक्षा परिषद को उपलब्ध कराई। इसमें मुरादाबाद के भी चार शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। इसके अलावा 29 अन्य शिक्षकों पर भी जांच चल रही है। मुरादाबाद में जो नाम सामने आए हैं, उसमें तीन सहायक अध्यापिकाएं और एक सहायक अध्यापक का नाम शामिल हैं।
वर्ष 2006 से होगी वेतन रिकवरी
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2006 में सभी शिक्षकों की तैनाती हुई थी। इसके बाद से दो अध्यापिकाएं छजलैट, एक बिलारी और एक ठाकुरद्वारा पर तैनात हैं। जांच में फर्जी अंक तालिका व प्रमाण पत्र पाए गए हैं, इस आधार पर नोटिस भेजा गया है। जवाब न देने पर बर्खास्तगी के साथ वेतन की रिकवरी भी होगी।
जनपद में विभिन्न प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी अंकपत्रों के जरिये नौकरी पाने वाले 11 शिक्षकों की सूची एसआइटी ने सौंपी थी। इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने कार्रवाई की है। साथ ही सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके अलावा रिकवरी के लिए भी कहा है। बीएसए ने बताया कि एसआइटी की ओर से सूची मिलने के बाद सभी 11 शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कराई गई। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
एसआइटी की जांच में हुआ खुलासाडॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 में परीक्षा
परिणाम के तहत फर्जी अंक प्रमाण पत्र प्राप्त कर शिक्षक की नौकरी पाने के
लिए लगाए गए थे। इसकी जांच एसआइटी की ओर से की गई थी। जांच के दौरान
फर्जीवाड़ा सामने आया था ।
अभिलेखीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराने पर हुई कार्रवाई
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगस्त में नोटिस जारी करके सभी को एक सप्ताह के अंदर अभिलेखीय साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे लेकिन, शिक्षकों ने एसआइटी रिपोर्ट के विपरीत साक्ष्य पेश किए। उनमें कोई ठोस आधार नहीं पाया गया, जिसके चलते शिक्षकों के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई है।
इन शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
दिशा वाष्र्णेय, अलका, दिवाकर गुप्ता, कल्पना, आलोक, सचिन कुमार, श्याम बिहारी, अर्चना, विनोद कुमार, चेतनराज चौहान, संदीप कुमार वाष्र्णेय हैं।
जनपद में वर्ष 2004-05 में शिक्षक भर्ती में बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी पाने वाले 11 शिक्षकों के अभिलेख और अंक प्रमाण पत्र जांच कराने के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दे दिए गए हैं।
- वीरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल।
अभिलेखीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराने पर हुई कार्रवाई
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगस्त में नोटिस जारी करके सभी को एक सप्ताह के अंदर अभिलेखीय साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे लेकिन, शिक्षकों ने एसआइटी रिपोर्ट के विपरीत साक्ष्य पेश किए। उनमें कोई ठोस आधार नहीं पाया गया, जिसके चलते शिक्षकों के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई है।
इन शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
दिशा वाष्र्णेय, अलका, दिवाकर गुप्ता, कल्पना, आलोक, सचिन कुमार, श्याम बिहारी, अर्चना, विनोद कुमार, चेतनराज चौहान, संदीप कुमार वाष्र्णेय हैं।
जनपद में वर्ष 2004-05 में शिक्षक भर्ती में बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी पाने वाले 11 शिक्षकों के अभिलेख और अंक प्रमाण पत्र जांच कराने के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दे दिए गए हैं।
- वीरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल।