अतिनिन्दनीय 🎤 सरकारी स्कूलों में NGO की दखल, क्या है मामला? आइये जानें---

_*अतिनिन्दनीय*_

_*सरकारी स्कूलों में NGO की दखल*_

_*क्या है मामला?* *आइये जानें---*_
_*1.प्रयागराज बीएसए द्वारा सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 2,4 व 5 वीं में NGO द्वारा शिक्षण कराये जाने का आदेश ज़ारी किया गया है।*_ _*2. प्रयागराज बीएसए का कहना है कि NGO नगरीय और ग्रामीण इलाकों में दो दो घंटे पढ़ाएंगे।*_
_*3. यह प्रयोग के तौर पर 14-14 विद्यालयों में देखा जा रहा है। बाद में विस्तार होगा।*_
_*4. सरकारी शिक्षक और NGO का तुलनात्मक अध्ययन किया जायेगा।*_
_*NGO विद्यालयों का मॉनिटरिंग भी करेंगें।*_


_*प्रश्न यह है की हमें क्या करना चाहिए??*_
_1. *सभी प्रशिक्षुओं और सरकारी शिक्षकों को एकजुट होकर इस पहल का व्यापक विरोध करना चाहिए।*_
_2. *यह सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के निजीकरण का एक शुरआत है।*_
_3. *आरटीई एक्ट और एनसीटीई द्वारा निर्धारित किये गए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता का सीधा उल्लंघन है।*_
_4. *आखिर NEP 1986 और के.कस्तूरीरंगन के अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग की गई नई शिक्षा निति 2019 किस लिए है। दोनों ही NEP में शिक्षक गुणवत्ता की बात कही गयी है।*_
_5. *जब NGO से ही पढ़वाना है तो NCF 2005 और NCFTE 2009 में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता की कही गयी बात का क्या फ़ायदा।*_
_6. *NGO और शिक्षकों के तुलनात्मक अध्ययन का उद्देश्य यह दर्शाता है कि NGO  द्वारा शिक्षण कार्य कराने पर सरकार का अधिक रुझान है।क्योंकि शायद यह सस्ते भी है  शिक्षा की गुणवत्ता भले ही न रहे।*_
_7. *पहले सेल्फ़ी से हाजिरी फिर प्रेरणा एप्प अब NGO द्वारा मोनिटरिंग यह शिक्षकों का घोर अपमान नहीँ तो और क्या है।*_
_*निष्कर्ष-सभी प्रशिक्षुओं को विशेषरूप से इसका एकजुट होकर चाहे वो किसी भी बैच के हो इसका व्यापक विरोध करना होगा। अन्यथा निकट भविष्य में शिक्षक भर्तियां न होकर सिर्फ NGO की भर्तियां होंगीं।*_
✍✍✍
_*अखिलेश कुमार सिंगर*_
_*जिला मीडिया प्रभारी  औरा,जौनपुर*_
_*8188805987*_
_*बलराम सिंह यादव*_
_*जिला अध्यक्ष*_
_*डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा,जौनपुर*_