जैसा कि शीर्ष अदालत में 124 प्रकरण पर दिनांक - 15 नवंबर को सुनवाई होनी है, भोला शुक्ला व अन्य की टीम का ओपिनियन शत प्रतिशत पारदर्शी न होने के कारण इस समय याची बनाने का गेम शीर्ष गति से प्रभावी हो चुका है, 124 प्रकरण में प्रभावित सभी आम पीड़ित शिक्षामित्र पुन: चिंतित व परेशान हो उठे हैं कि कही भोला प्रसाद शुक्ला व अन्य में शामिल मात्र छ: लोगों को ही शीर्ष अदालत अपग्रेड वेतनमान 38878 /- देने का फैसला दे करके प्रकरण फुल स्टॉप न कर दे?फिलहाल इस समय कतिपय चर्चित नेता के द्वारा याची बनने के आह्वान से लगभग सभी प्रभावित पीड़ित शिक्षामित्र जरूर परेशान हो उठा है?
बहरहाल हमारे विचार से इस समय 124 प्रकरण पर अग्रिम सुनवाई पर कोर्ट का रुझान देखना चाहिए कि शीर्ष अदालत यूपी सरकार व MHRD के कांउटर लगने व पीड़ित याची के रिज्वांइडर पर बहस होने के बाद क्या टिप्पणी करती हैं उसी के आधार पर अग्रिम योजना बनानी चाहिए, खैर शीर्ष अदालत का फैसला 124 प्रकरण पर यदि पक्ष में सकारात्मक आयेगा तो लाभ सभी को मिलेगा अन्यथा कि स्थिति में सम्भवतः केन्द्र व राज्य की असहमति होने पर शायद राहत किसी को भी कोर्ट न दे?
फिलहाल इस समय सभी पीड़ितों को वेट एंड वाच के फार्मूले पर धैर्य रखते हुए कोर्ट के मूड को समझने का प्रयास करना चाहिए और फिर उसी के क्रम में सभी प्रभावित पीड़ित शिक्षामित्रो को अगली रणनीति बनानी चाहिए*?