इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 72825 सहायक अद्यपकों की भर्ती में रिक्त रह गए
6170 पदों पर नियुक्ति की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व अन्य
पक्षकारों से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने सुरेंद्र कुमार कनौजिया व 40 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता ऋषभ कुमार को सुनकर दिया है। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में रिक्त रह गए 6170 पदों पर नियुक्ति के लिए अलग से विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया था लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।
इस मामले में राज्य सरकार ने याचियों का प्रत्यावेदन खारिज कर दिया । इसके पीछे राज्य सरकार का कहना था कि 86500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में 6170 पद भी शामिल कर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसलिए याचियों को इन पदों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं प्रदान की जा सकती। याचियों का कहना है कि रिक्त पद भरने में उन्हें अवसर नहीं प्रदान किया गया। साथ ही न्यायालय में यह मामला सात साल तक विचाराधीन रहने से उनकी टीईटी की वैधता भी समाप्त हो गई तथा कई अभ्यर्थी ओवर एज हो गए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने सुरेंद्र कुमार कनौजिया व 40 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता ऋषभ कुमार को सुनकर दिया है। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में रिक्त रह गए 6170 पदों पर नियुक्ति के लिए अलग से विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया था लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।
इस मामले में राज्य सरकार ने याचियों का प्रत्यावेदन खारिज कर दिया । इसके पीछे राज्य सरकार का कहना था कि 86500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में 6170 पद भी शामिल कर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसलिए याचियों को इन पदों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं प्रदान की जा सकती। याचियों का कहना है कि रिक्त पद भरने में उन्हें अवसर नहीं प्रदान किया गया। साथ ही न्यायालय में यह मामला सात साल तक विचाराधीन रहने से उनकी टीईटी की वैधता भी समाप्त हो गई तथा कई अभ्यर्थी ओवर एज हो गए हैं।