संघर्ष के साथियों नमस्कार---
उपेंद्र मिश्रा जी के अनुसार सिलेक्शन प्रोसीजर स्टार्ट हो गया है और बीच मे राज्य सरकार द्वारा किये गए सभी संशोधन अवैध हैं।।हद हो गयी क्या इस भर्ती में शामिल सभी 4लाख से ऊपर सभीलोगों को नियुक्ति मिल जाएगी यह केवल कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि अभी तो यह स्क्रीनिंग पेपर है और इसमे जो पास होगा वो लोग जब 69000 भर्ती का विज्ञापन जिसमे जिलेवार सीटों का विवरण दिया होगा वो आना बाकी है,भाई जब अभी भर्ती का विज्ञापन ही नही आया है तो संशोधन कैसे अवैध हैं और जब संशोधन अवैध नहीं हैं तो बीएड कैसे अवैध है।।दरअसल गलती इनकी नही है गलती इनके ब्रीफ़िंग में जानेवाले उन अवैधों की है कि जिनको हाइकोर्ट लार्जर बेंच इलाहाबाद ने 2015 में और सुप्रीम कोर्ट ने 25जुलाई 2017 के आर्डर में डंडा मारकर भगाया था और यह भी बताते चलें कि जिन सीटों को यह अपनी सीट्स बता रहे हैं उनपर बीएड/बीटीसी के लोंगो का हक़ था जोकि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव जी की सरकार ने अवैध रूप से समायोजन करके एक वोट बैंक की खातिर भरा था,यकीन न हो तो लार्जर बेंच इलाहाबाद हाईकोर्ट का माननीय चंद्रचूड़ सर् का समायोजन रदद् सम्बंधित आर्डर उठाकर पढ़ लें,सब क्लियर हो जाएगा कि इन सीटों पर किसका अधिकार था।।
दोस्तों धैर्य रखें और हमारे दोंनो सीनियर रेजॉइंडर पर बहस करने के लिए अच्छे से तैयार हैं उम्मीद है जब हमारे सीनियर अधिवक्ताओ का रेजॉइंडर पर सबमिशन होगा तब इन सबकी बोलती बंद हो जाएगी ,शुरुआत बीएड मुद्दे से होगी लेकिन खत्म अवैध भारांक से ही होगी।।आपलोग जितने ज्यादा परेशान हैं हमारे दोनो सीनियर उतने ही ज्यादा आश्वस्त भी हैं,की बीएड मुद्दे पर कुछ भी नही होगा लेकिन हमलोगों को रेजॉइंडर पर अपने तर्क रखने होंगे।।।
नोट--दोस्तों यदि कोर्ट इनको मिलने वाले अवैध भारांक को कमकर देगी तो क्या बिना 26वे संशोधन के सरकार क्या भर्ती को सरकार आगे बढ़ा सकती है।।।
अखिलेश कुमार शुक्ला
बीएड लीगल टीम लखनऊ