संघर्ष के साथियों का अभिनंदन
जैसा कि आज अपने प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई कोर्ट नम्बर 1 में 3:15pm पर निर्धारित थी, 3:25 pm से कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और उपेंद्र मिश्रा जी ने बहस स्टार्ट बीएड मैटर से किया,,, आज भी उनकी बहस में सिर्फ बीएड को सरकार द्वारा गलत तरीके से सम्मिलित किया है,,,
इनकी नियुक्ति भर्ती नियमावली में अपेंडिक्स 2 से होती है, जबकि बीटीसी की नियुक्ति अपेंडिक्स एक से होती है,,, बीएड वाले पहले ट्रेनी टीचर के रूप में अपॉइंट होते है,,, फिर उन्हें असिस्टेन्ट टीचर नियुक्ति किया जाता है 6 माह के प्रशिक्षण के उपरांत, जब सिंगल बेंच में सुनवाई चल रही थी तो उस समय सरकार ने बिना कोर्ट को सूचित किये बेसिक शिक्षा नियमावली में 23संसोधन किया और कोर्ट को सूचित नही किया जब ,वह संसोधन भी गलत हो गया क्योंकि उसमें बीएड को प्राथमिक में 1 जनवरी 2018 से योग्य मान लिया था तो अगला (24)संसोधन किया ,जब उसमें भी गलती निकल आयी तो 25 संसोधन संसोधन किया,,, यह सारे संसोधन सिंगल बेंच की सुनवाई के बाद किये जो नियमतः गलत है,,,
इसी प्रकार मिश्रा जी ने कुल मिलाकर कोर्ट में सिर्फ बीएड के मुद्दे ट्रेनी टीचर के मुद्दे पर ही सरकार के संसोधन को गलत करार देते हुए, शिक्षा मित्रों के 2 समान अवसर की बात करते हुए 40/45% बहाल करने की माँग की,,, बाकि समस्त बाते जैसे
शिक्षक बनने की योग्यता का निर्धारण
जो कि 8-2-बी, बीएड के लिए पूर्व में
और 8-2-ए,बीटीसी के लिए थी उसको बार बार परिभाषित करते रहे,,, बोले दोनों को एक समान कैसे रख सकती है गवर्मेंट 23 वें संसोधन में ,
यह विषमता 25 वें में नही है लेकिन जब यह अध्यापक भर्ती परीक्षा 22वें संसोधन के समय हुई है तो उस समय के अनुसार बीएड वाले वैलिड नही हैं तो बीएड का हवाला देकर पासिंग मॉर्क कैसे बढ़ा सकतें हैं ।
फिलहाल अभी सुनवाई कल भी जारी रहेगी और मिश्रा जी की कल बहस का अंत होगा।