69000 शिक्षक भर्ती की जन सूचना मांगने में भी फर्जीवाड़ा

69000 शिक्षक भर्ती की जन सूचना मांगने में भी फर्जीवाड़ा
69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में गड़बड़ियों का ठीकरा परीक्षा संस्था पर लंबे समय से फोड़ा जा रहा है। कुछ अध्यर्थियों का मिले अंकों को आधार बनाकर यह आरोप लगाए गए कि ओएमआर में हराफेरी की गई है। पहले पुलिस और फिर एसटीएफ की जांच में सामने आया कि अध्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने का खेल एक गिरोह कर रहा है। इतने पर भी इत्मीनान नहीं हुआ और भर्ती के संबंध में जनसूचना मांगी गईं इसमें परीक्षा संस्था के अभिकारियों व कर्मचारियों के संबंध में अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करके 20 बिंदुओं पर सूचना मांगी गई। परीक्षा संस्था की ओर से जनसूचना मांगने वाले को पत्र भजकर जवाब तलब किया साथ हां लिखा कि उन्हें सभी बिंदुओं पर सूचना भेज दी गई है। 

चित्रकूट जिले के कर्वी तहसील निवासी लवकुश केसरवानी ने पराक्षा संस्था को पत्र भेजा है इसमें कहा गया है कि उन्होंने 69000 भर्ती के संबंध में कोई जनसूचना नहीं मांगी है और न हीं किसी अधिकारी व कर्मचारी के संबंध में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। लवकुश ने लिखा कि यह कार्य विशेष प्रकार के राजनीतिक दलों का कृत्य लगता है उनके नाम का इस्तेमाल किया गया है। लवकुश ने यह भी लिखा है कि फर्जी जनसूचना मांगने वालों को चिह्नित करके कार्रवाई की जाए। परीक्षा नियामक प्राधिकारा सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी अब इस मामले को भी एसटीएफ को सॉपने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर कार्रवाई हो सके। उनका कहना है कि योजनाबद्ध तरीके से परीक्षा संस्था का बदनाम किया जा रहा है, जबकि संस्था ने परीक्षा कराकर परिणाम घोषित किया है। परीक्षा केंद्र निर्धारण और इम्तिहान के दौरान ढिलाई जिलों में की गई जिससे गड़बड़ी करने का अवसर मिला है। इसमें परीक्षा संस्था का कोई लेना-देना नहीं है। इसीलिए बड़ी संख्या में सादी ओएमआर अब भी संस्था में उपलब्ध हैं। जालसाज यहां तक पहुंच नहीं बना सकें।