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परिषदीय गुरुजी भी देंगे अब इम्तिहान नंबरों से तय होगा एसीआर, 50% से कम अंक मिलने पर खराब होगी एसीआर

 लखनऊ: अब परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापक व शिक्षक की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि ( एसीआर ) अब नंबरों के आधार पर तय होगी। 100 घंटों में गुरुजी का मूल्यांकन होगा और इसी के आधार पर अच्छी या खराब एसीआर तय होगी। अभी तक परिषदीय स्कूलों में इसके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी।


अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ऋण को कुमार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि पाली शिक्षक सेल्फ अप्रेजल भरेगा उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी इसकी समीक्षा कर इसे आगे बेसिक शिक्षा अधिकारी को बढ़ाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा एसीआर को अंतिम रूप दिया जाएगा।

जिन नौ मानकों पर शिक्षकों प्रधानाध्यापक का मूल्यांकन किया जाएगा इसमें पहला ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत अवस्थापना सुविधा के 10 अंक होंगे। दूसरा औसत छात्र उपस्थिति 60 से 80% तो 5 अंक और 80 फ़ीसदी से अधिक तो 10 अंक मिलेंगे। तीसरा प्रधानाध्यापक व शिक्षक की औसत उपस्थिति का प्रतिशत 60 से 80 तो 5 अंक और 80 फ़ीसदी से अधिक क्यों 10 अंक मिलेंगे। चौथा लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में अगर विद्यालय का ग्रेड ए प्लस है तो 20 अंक, ए है तो 16 अंक ,बी है तो 12 अंक , सी है तो 8 अंक और डी है तो 4 अंक मिलेंगे। पांचवा दीक्षा पोर्टल का प्रयोग करने पर 10 अंक,छठा सभी छात्रों को रिजल्ट उपलब्ध करवाना 10 अंक। इस तरह कुल 100 अंकों में मूल्यांकन कर एसीआर तैयार होगी। इसे मानव संपदा पोर्टल पर भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

50% से कम अंक मिलने पर खराब होगी एसीआर – खंड शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वाराा 100 अंकों मैंंंं शिक्षकों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार किया जाएग। 90% से अधिक अंक मिलने पर उत्कृष्ट, 71% से 90% अंक मिलने पर अधिकम, 61% से 70% अंक मिलनेेे पर उत्तम, 50% से 60% अंक संतोषजनक, और 50% से कम अंक मिलने वाली एसीआर को खराब श्रेणी माना जाएगा।

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