शिक्षकों की कमी से परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई हो रही प्रभावित, नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत में ही दिक्कत

वाराणसी:  परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई बेपटरी है। सबसे बड़ी वजह है शिक्षकों की कमी। वाराणसी जिले में भी बोर्ड परीक्षा चल रही है। कई शिक्षकों की कक्ष निरीक्षकों के रूप में ड्यूटी लगा दी गई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की शुरुआती पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में भी ड्यूटी लगने की वजह से बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हुआ था।



वाराणसी जिले में साढ़े आठ हजार शिक्षक तैनात हैं। तीन हजार शिक्षकों की ड्यूटी यूपी बोर्ड परीक्षाओं में बतौर कक्ष निरीक्षक लगी है। दूसरी ओर स्कूल चलो अभियान के तहत कई शिक्षकों की ड्यूटी हाउस होल्ड सर्वे में लगाई गई है।


किताबें भी नहीं मिलीं
नए शैक्षिक सत्र में स्कूलों में अब तक किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। जिसके कारण नई कक्षा में बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई करनी पड़ रही है। कई विद्यालयों में किताबें न होने पर शिक्षक अलग-अलग गतिविधियों से बच्चों को पढ़ाने में जुटे हैं। 
कई स्कूल एकल शिक्षक के सहारे चले रहे
वाराणसी मंडल के कई स्कूल एकल शिक्षक के सहारे चले रहे हैं। कई स्कूल तो शिक्षामित्रों के भरोसे हैं। 31 मार्च को वाराणसी मंडल के 240 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। अकेले वाराणसी में उच्च प्राथमिक विद्यालय के 9 व प्राथमिक विद्यालय के सात प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय के 28 व प्राथमिक विद्यालय के सात सहायक अध्यापक भी रिटायर्ड हो गए हैं।
बिना मान्यता संचालित हो रहे स्कूलों पर कसेगी नकेल
वाराणसी शहर में बिना मान्यता चल रहे स्कूलों के संचालकों पर जल्द गाज गिरने वाली है। शिक्षा निदेशक ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश देकर ऐसे विद्यालयों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर विकास खंड में ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार की जा रही है।

पांच स्कूलों के नाम सामने आ रहे हैं, जो बिना मान्यता प्राथमिक विद्यालयों की कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में जल्द ही इन पर गाज गिर सकती है। शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। वाराणसी मंडल  एडी बेसिक अवध किशोर सिंह ने कहा कि मंडल स्तर पर विद्यालयों में जांच अभियान चलाया जाएगा। कई मानकों पर व्यवस्था परखी जाएगी। टीम का गठन होगा, जिन स्कूलों में गड़बड़ी मिलेगी, वहां आवश्यक जांच कराकर विभागीय कार्रवाई कराई जाएगी।