जबरा मारे भी और रोने भी न दे... कुछ ऐसे ही हालात से बेसिक शिक्षा विभाग गुजर रहा है। स्कूल आवंटन न होने से अन्य शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया फंसी हुई है। लगभग 02 माह से स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। यह प्रक्रिया निदेशालय स्तर से होनी है, जिलास्तर के अधिकारी हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
स्थिति यह है कि जिले में शिक्षकों के तबादलों में अभी समय लगेगा। इससे पहले 68500 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों की तैनाती के बाद ही तबादले की वेबसाइट खोली जाएगी। स्कूल में जिस शिक्षक की वजह से आरटीई का मानक गड़बड़ हुआ होगा, उसे ही तबादले के लिए चुना जाएगा। शिक्षकों के जिले में तबादले किए जाने हैं। जिले में बाहर से आए शिक्षक जब कार्यभार ग्रहण करेंगे और इनका डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होगा, इसके बाद स्कूलों में रिक्तियों की संख्या स्पष्ट होगी।
बता दें कि प्रदेश में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित लगभग चार हजार (मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी-एमआरसी) शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर मनचाहे जिले आवंटित किए गए हैं। इनको अभी तक स्कूल नहीं भेजा जा सका है। पहले आवंटन प्रक्रिया जिले स्तर से ही होती थी, लेकिन मानव संपदा से स्कूल आवंटन किए जाने की प्रक्रिया साल 2018 के बाद शुरू हो गई है। निदेशालय से ऑनलाइन ही प्रक्रिया पूरे प्रदेश के जिलों में एक साथ होनी है। इससे पूरा मामला उलझा हुआ है।
ऐसे में कुछ शिक्षक तो मौज काट रहे और कुछ बेचारे स्कूल न जाने से घर पर बोरियत महसूस कर रहे है.
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