फाजिलनगर क्षेत्र के संविलियन विद्यालय नदवा विशुनपुर में तैनात महिला शिक्षक उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कर स्कूल में मौजूद नहीं थीं। जांच के दौरान अनुपस्थित मिलने पर प्रधानाध्यापक ने अनुपस्थित शिक्षक के बचाव में जांच टीम के सामने गलत तथ्य प्रस्तुत किया। इसकी गंभीरता से लेते हुए जांच टीम की रिपोर्ट पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक और शिक्षक को निलंबित कर दिया।
जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) 23 अगस्त को प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन समेत विभाग की तरफ से उपलब्ध अन्य बिंदुओं की जाच कर रहे थे। वह संविलियन विद्यालय नदवा विशुनपुर पंहुचे तो विद्यालय में तैनात दो महिला शिक्षक अनुपस्थित थीं। पंजिका रजिस्टर
फाजिलनगर क्षेत्र के मामले में बीएसए ने की कार्रवाई
जांच करने पर पाया गया कि एक शिक्षिका छुट्टी पर हैं, जबकि प्रियंका शर्मा उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करने के बाद से स्कूल में नहीं थीं। इस बारे में प्रधानाध्यापक रामवहादुर राय ने बताया कि उनको पूर्व माध्यमिक माधोपुर में शिक्षण के लिए भेजा गया है, क्योंकि वह एकल शिक्षक विद्यालय है। वहां तैनात शिक्षक प्रशिक्षण के लिए गए हैं।
इसके बाद जांच टीम माधोपुर स्थित विद्यालय पहुंची तो प्रियंका शर्मा वहां भी नहीं थीं। उसके बाद वांच टीम ने दोबारा नदवा विशुनपुर पहुंचकर मामले की गहनता से जांच की इसमें पता चला कि अनुपस्थित शिक्षिका की तरफ से पूर्व में किए हस्ताक्षर और नए हस्ताक्षर में काफी
अंतर है। विद्यार्थियों को कॉपियों में भी दूसरे का हस्ताक्षर पाया गया। जांच टीम के रिपोर्ट के अनुसार, अनुपस्थित शिक्षिका का हस्ताक्षर स्वयं प्रधानाध्यापक करते थे।
जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेंद्र कुमार कुशवाहा ने प्रधानाध्यापक और शिक्षिका को निलंबित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी पडरौना पंकज कुमार सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी मोतोचक जयप्रकाश मौर्य को जांच अधिकारी नामित कर पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में बीएसए ने बताया कि उपस्थिति पाँचका पर हस्ताक्षर स्कूल से अनुपस्थित होना गंभीर प्रकरण है। इसकी अलग से जांच करने के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है।