लखनऊ। कर्मचारी संगठनों ने शासन की ओर से जारी वार्षिक स्थानांतरण नीति में सरकारी कर्मचारियों के मान्यताप्राप्त सेवा संघों के पदाधिकारियों के स्थानांतरण मामले में किए गए बदलाव पर नाराजगी जताई है। कर्मचारी संघों ने इसे निरस्त करने की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है।
कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी घटक संगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकारी मान्यताप्राप्त सेवा संघ के अध्यक्ष / सचिव, जिला अध्यक्ष व सचिव के स्थानांतरण दो साल तक न किए जाने की व्यवस्था है। यदि स्थानांतरण किया जाना जरूरी हो तो स्थानांतरण के लिए अधिकृत अधिकारियों से पूर्व अनुमोदन लिया जाए। किंतु वर्तमान स्थानांतरण नीति
2023-24 में पूर्व की इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
बैठक में मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र, सुरेश कुमार रावत अध्यक्ष, अतुल मिश्र, सतीश कुमार पांडेय, रामराज दूबे, अवधेश कुमार सिंह, भारत सिंह यादव, संदीप बडौला, राम मनोहर कुशवाहा, जीएम सिंह समेत कई उपस्थित थे।
उधर, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के आह्वान पर कर्मियों ने बुधवार को भी काला फीता बांधकर स्थानांतरण नीति के विरोध में प्रदर्शन किया। लखनऊ में बलरामपुर चिकित्सालय में हुए प्रदर्शन में प्रांतीय चिकित्सा संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन आदि संघों के अधिकारियों, कर्मचारियों ने भाग लिया।