नई दिल्ली,। सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के नियमों में बदलाव कर सकती है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को 40 से 45 फीसदी तक न्यूनतम निश्चित पेंशन देने के नए प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले जो अंतिम वेतन मिलेगा, उसके आधार न्यूनतम निश्चित पेंशन तय होगी।
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में केंद्र सरकार ने पेंशन सिस्टम की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया था। नई पेंशन स्कीम को साल 2004 में लागू किया गया था। उससे पहलेतक सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी के वेतन के हिसाब से पेंशन बनती थी, लेकिन फिर इसे बंद करके नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई थी।
पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकार कर्मचारी के अंतिम वेतन पर 50 फीसदी पेंशन की गारंटी देती है। इसके लिए कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना होता है। वहीं, नेशनल पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपने आधार वेतन का 10 फीसदी योगदान देना होता है। वहीं, सरकार 14 फीसदी योगदान भरती है। एनपीएस में पेंशन कॉर्पस के रिटर्न पर निर्भर करती है।
इससे पहले 24 मार्च को संसद में फाइनेंस बिल पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पेंशन स्कीम की समीक्षा करने की बात कही थी। इसके लिए छह अप्रैल को समिति बनाई गई। अधिकारियों ने कहा कि वे एनपीएस के नियमों में बदलाव पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पुरानी पेंशन योजना की तरफ नहीं लौटेगी। गौरतलब है कि कुछ राज्यों ने अपने यहां पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया है।