कूटरचित अभिलेखों से नियुक्त पांच शिक्षकों की जांच करेगी टीम

 प्रतापगढ़। कूटरचित अभिलेखों से अलग-अलग इंटर कॉलेजों में नियुक्त पांच शिक्षकों की जांच पीईएस अधिकारी करेंगे। जिलाधिकारी के आदेश पर डीआईओएस ने पांच सदस्यीय टीम का गठन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।



सदर तहसील क्षेत्र के चिलबिला पूर्वी माधोगंज निवासी रामराज त्रिपाठी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर कूटरचित अभिलेखों से नियुक्त पांच शिक्षकों के खिलाफ जांच की मांग की थी। रामराज त्रिपाठी का आरोप है कि शहर के पुराना मालगोदाम रोड निवासी विद्यालय प्रबंधक पं. श्याम किशोर शुक्ल ने सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी बेटी विनीता त्रिपाठी की नियुक्ति फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के माध्यम से गजाधर इंटर व लेिज में करा दी। इसी तरह बेटे शुक्ल की नियुक्ति कालूराम इंटर कॉलेज, प्रशांत देव शुक्ल का रामराज इंटर कॉलेज और बेटी सुषमा और सुनीता की भी नियुक्ति रामराज इंटर कॉलेज में शिक्षक पद करा दी थी। नियुक्ति के बाद शिक्षक ड्यूटी करने विद्यालय नहीं गए। हर माह सरकारी वेतन आहरित करते रहे। शिकायत के बाद जिलाधिकारी संजीव रंजन ने डीआईओएस को जांच कराने का आदेश दिया। जिलाधिकारी के आदेश पर डीआईओएस ने पांच सदस्यीय पीईएस अधिकारियों की टीम गठित कर जांच का आदेश दिया है। डीआईओएस सरदार सिंह ने बताया

कि शिकायत के बाद जांच कमेटी गठित की गई है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जांच टीम में शामिल सदस्य : डीआईओएस के निर्देश गठित पांच सदस्यीय टीम में जीआईसी प्रधानाचार्य कुलश्रेष्ठ तिवारी, जीआईसी पूरबगांव प्रधानाचार्य सरोज कुमार मिश्र, जीआईसी महेवा मलकिया के प्रधानाचार्य शिवाकांत प्रसाद तिवारी, जीआईसी आसपुर देवसरा प्रधानाचार्य राहुल कुमार सिंह, जीआईसी चंदीगोविंदपुर के प्रधानाचार्य शशांक सिंह है।


सीएम से शिकायत 
चिलबिला पूर्वी निवासी रामराज त्रिपाठी ने सीएम से रामराज इंटर कॉलेज पट्टी के प्रधानाचार्य रमेशचंद्र मिश्र की शिकायत की है। उनका आरोप है कि वह विद्यालय प्रबंधक पं. श्यामकिशोर शुक्ल के निजी सचिव का कार्य करते थे। कूटरचित अभिलेखों से रमेशचंद्र मिश्र ने रामराज इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाकर विनियमित भी हो गए। नियुक्ति के बाद से करीब 28 वर्ष तक विद्यालय जाकर अध्यापन कार्य नहीं किया। नियमों की अनदेखी कर विद्यालय के प्रधानाचार्य बन गए। मामले की जांच कराकर दंडित किए जाने की मांग की गई है।