प्रयागराज। सहायता प्राप्त राजकीय महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम तो एक हैं, लेकिन सहायक अध्यापक के पद पर भर्ती के लिए अर्हताएं अलग-अलग हैं।
नए शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन होने के बाद अब अर्हताओं में समानता लाने की तैयारी है। समकक्ष अर्हता के निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है, स्पष्ट होते ही अशासकीय व राजकीय महाविद्यालयों में नई भर्तियां शुरू होंगी।हिंदी विषय में सहायक अध्यापक (टीजीटी) के पद पर भर्ती के लिए इंटर में संस्कृत के साथ बीएड एवं बीए में हिंदी की डिग्री अथवा बीए में हिंदी एवं संस्कृत और बीएड की डिग्री अनिवार्य है। वहीं, राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए इंटर में संस्कृत, बीए में हिंदी एवं बीएड की डिग्री अनिवार्य है। ऐसे में अशासकीय और राजकीय विद्यालयों में सहायक अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापक पद की अर्हता में अंतर है।
इसी तरह अशासकीय विद्यालयों में कला विषय में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती की अर्हता इंटर में टेक्निकल आर्ट एवं बीए की डिग्री और राजकीय विद्यालयों में बीएफए एवं बीएड की डिग्री है। अशासकीय विद्यालयों में अंग्रेजी विषय में शिक्षक भर्ती के लिए बीए में अंग्रेजी साहित्य एवं बीएड अथवा बीए में अंग्रेजी भाषा एवं बीएड और राजकीय विद्यालयों में बीए में अंग्रेजी साहित्य एवं बीएड की डिग्री अनिवार्य है।
अभ्यर्थी लंबे समय से सवाल उठाते रहे हैं कि जब अशासाकीय और राजकीय विद्यालयों में समान पाठ्यक्रम
लागू हैं तो शिक्षकों के पद पर भर्ती के लिए अर्हताएं अलग क्यों हैं। इसके कारण अक्सर मामले कोर्ट में चले जाते हैं और भर्तियां अटक जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए अब शासन स्तर से समकक्ष अर्हता का निर्धारण किया जाना है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को काफी पहले राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापन के छह हजार पदों पर भर्ती के लिए रिक्त पदों का अधियाचन मिला चुका है। शासन स्तर से समकक्ष अर्हता का निर्धारण होने के बाद आयोग की ओर से भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा