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कई और फर्जी शिक्षकों पर गिर सकती है गाज, शिक्षकों के रातों की नींद उड़ी

 देवरिया। जिले के कुछ और परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक फर्जीवाड़े के आरोप में फंसे हैं। विभाग के अलावा इनकी शिकायत एसटीएफ से भी की गई है। इनके शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन को लेकर संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय तथा प्रशिक्षण केंद्रों को भी रिपोर्ट भेजी गई है। जांच एजेंसी की ओर से भी इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। जल्द ही इनके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई होने की उम्मीद है।

बुधवार को बनकटा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय परगसहा के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार शर्मा व भागलपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बलिया दक्षिण के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार उपाध्याय की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज सत्यापन में फर्जी पाए जाने पर इन दोनो को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। जनपद में 11 माह के बाद दो शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने के बाद से ही फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के रातों की नींद उड़ी हुई है। प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में तैनात कुछ और फर्जी शिक्षक एसटीएफ की रडार पर आए हैं।

 पिछले छह साल के अंदर जिले में अब तक 75 से अधिक शिक्षकों को की सेवा समाप्ति फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर हो चुकी है। हालांकि कई ब्लाॅकों में बिना डर, भय के ही बेसिक कार्यालय के सत्यापन व नियुक्ति पटल से जुड़े कर्मचारियों की मेहरबानी से अब भी जमे हुए हैं। जांच की आंच इन तक न पहुंचे ऐसे में इन लिपिकों की ओर से ऐसे शिक्षकों का पूरा ख्याल रखा जाता है। जब से फर्जीवाड़े की जांच शुरू हुई है, ऐसे शिक्षकों के माथे पर शिकन है। मानव संपदा पोर्टल पर किसी अन्य के शैक्षिक प्रमाण पत्रों से भी कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र मैच हो जा रहे हैं। दो साल पहले भागलपुर ब्लॉक के कुल छह शिक्षकों की शिकायत एसटीएफ से एक साथ की गई थी। इसमें से दो शिक्षक को जांच के बाद सेवा से हटा भी दिया गया।

बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने कहा कि जिन भी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के संबंध में एसटीएफ या विभागीय स्तर पर से शिकायत की गई है, उनके दस्तावेजों का सत्यापन संबंधित बोर्ड, यूनिवर्सिटी व प्रशिक्षण केंद्र से कराया जा रहा है। जिन्होंने भी षडयंत्र कर नौकरी हासिल की है, जांच में पुष्टि होने पर उन्हें भी सेवा से बाहर किया जाएगा।

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