परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सेवारत लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय राज्य सरकार बढ़ा सकती है।
इस संबंध में वित्त विभाग को पत्र भेजा गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने के लिए दाखिल अवमानना याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से यह जानकारी मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान दी गई। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि लगभग 1.5 लाख शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि से सरकारी खजाने पर भार पड़ेगा।इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। वाराणसी निवासी विवेकानंद की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को दिया जाने वाला मानदेय काफी कम है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए सम्मानजनक मानदेय निर्धारित किया जाए। आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
सरकारी वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोर्ट के 12 जनवरी, 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नौ अगस्त को सौंपी है। यह रिपोर्ट अब वित्त विभाग को भेजी गई है। उसकी राय का इंतजार किया जा रहा है