नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्र सरकार ने कक्षा पांचवीं और आठवीं के छात्रों को फेल न करने की नीति को खत्म कर दिया है।
नियमित परीक्षा में असफल रहने वाले छात्रों को पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। दोबारा भी असफल रहने पर छात्र को पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही फिर से पढ़ाई करनी होगी। हालांकि असफल छात्रों को स्कूल से निकाला नहीं जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के तहत शिक्षा का अधिकार कानून में फेल न करने की नीति में संशोधन किया है। स्कूली विक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।
नए फैसले से केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल समेत केंद्र सरकार के 3000 स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा में असफल छात्र अब प्रोन्नत न किए जाकर फेल घोषित किए जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बताया कि पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल छात्र की दो महीने के बाद दोबारा तैयारी के साथ परीक्षा ली जाएगी। यदि फिर भी प्रदर्शन कमजोर रहता है तो उसे उसी कक्षा में रोका जाएगा।
इस दौरान शिक्षक अभिभावकों के साथ मिलकर काउंसलिंग करेंगे ताकि छात्र की कमियों को दूर किया जा सके। हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता जरूरी है। इसमें लर्निंग आउटकम पर फोकस किया है। इसलिए छात्र को कमियों को सुधारते हुए दोबारा मौका दिया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।
इन राज्यों में पहले से लागू है नियम
दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, सिक्किम, दादर-नगर हवेली, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, असम, गुजरात समेत 16 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों ने पहले से नई व्यवस्था लागू है। केंद्र ने अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से भी नए नियमों को लागू करने का आग्रह किया है। दरअसल, शिक्षा पर फैसला लेने का अधिकार राज्यों का है।
राज्यों के फैसले के बाद नियम लागू होगा
फिलहाल पांचवीं और आठवीं में फेल करने की नीति सीबीएसई बोर्ड के सभी स्कूलों पर लागू नहीं होगी। राज्यों की नीति के आधार पर संबंधित राज्य के सीबीएसई स्कूल नया नियम लागू करेंगे। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, तेलगांना, अंडमान-निकोबार, गोवा, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मिजोरम, लक्षद्वीप, लद्दाख के सीबीएसई स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल न करने की नीति लागू है क्योंकि संबंधित राज्यों ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
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