हरदोई। बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह को मनमानी भारी पड़ गई है, उनके द्वारा निलंबित शिक्षक को टर्मिनेट करने और उसके देयकों के भुगतान के बारे में उच्च न्यायालय के दो निर्देशों की अवहेलना की गाज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह पर गिरी है। दरअसल हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस अब्दुल मुईन ने बीएसए वीपी सिंह को निलंबित करने का शासन को आदेश दिया है। मामला बावन ब्लॉक के सधई बेहटा परिषदीय विद्यालय में तैनात रहे अध्यापक राजीव कुमार मिश्रा से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार राजीव को विभाग ने निलंबित और बाद में बर्खास्त कर दिया था। राजीव विभाग की कार्यवाही और देयकों आदि के भुगतान नहीं होने का मामला उच्च न्यायालय लखनऊ ले गए थे। बताते हैं, देयकों के भुगतान को लेकर हाई कोर्ट ने दो मर्तबा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह को दिशा निर्देश जारी किए थे। लेकिन, वीपी सिंह ने हाई कोर्ट के निर्देश पर अमल नहीं किया। न्यायालय की अवमानना से क्षुब्ध जस्टिस अब्दुल मुईन ने हरदोई बीएसए को निलंबित करने का आदेश शासन को दिया है और भविष्य में कभी बीएसए जैसे महत्वपूर्ण पर से इन्हें दूर रखने के दिशा निर्देश सरकार को जारी किए हैं।
05 महीने पहले दिखाई थी हरदोई में #हनक
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#हरदोई: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह का पांच महीने पहले शासन ने हरदोई से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्थानांतरण कर रतन कीर्ति को हरदोई बीएसए की पोस्ट पर तैनाती दी थी। लेकिन, विजय प्रताप ने चार्ज नहीं छोड़ा था और ट्रांसफर रुकवाने को राजधानी में लंगर डाल दिया था। इधर, चार्ज नहीं मिलने से हैरान रतन कीर्ति द्वारा डीजी (बेसिक शिक्षा) को पत्र लिख पूर्व अधिकारी विजय प्रताप सिंह की शिकायत की गई। लिखा था, वीपी सिंह विभागीय दायित्वों को सौंपने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सरकारी वाहन और सीयूजी नंबर भी नहीं मिला है। हील हुज्जत कर रतन कीर्ति ने ज्वाइन किया था। मगर, अगले कुछ दिन में वीपी सिंह का रुतबा शासन पर भारी रहा और सीएम योगी की कर का शासनादेश पलटवाकर विजय प्रताप पुनः जनपद में प्रतिष्ठापित होने में सफल हो गए थे।
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