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शिक्षा सेवा चयन आयोग के लिए पहली परीक्षा का सफल आयोजन चुनौती

 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है, लेकिन पहली बार यह परीक्षा प्रयागराज के बाहर अन्य जिलों में भी आयोजित किए जाने से आयोग के लिए चुनौती भी बढ़ी है।



खासतौर पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को लेकर इस बार अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे।


शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से पहले अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के पास थी। बाद में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का शिक्षा सेवा चयन आयोग में विलय हो गया।


शिक्षा सेवा चयन आयोग अपने


गठन के बाद पहली परीक्षा आयोजित कराने जा रहा है।


यह परीक्षा 16 और 17 अप्रैल को प्रयागराज समेत आगरा, मेरठ, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी के विभिन्न केंद्रों में आयोजित की जाएगी। 33 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे, जिनमें से तकरीबन 82 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन अर्ह पाए गए थे, जो अब इस परीक्षा में शामिल होंगे।


पहले इस परीक्षा के लिए केवल प्रयागराज में केंद्र बनाए जाते थे


लेकिन इस बार दूसरे जिलों में भी केंद्र निर्धारित किए जाने से अभ्यर्थियों को सहूलियत होगी।


पश्चिमी यूपी के अभ्यर्थियों को आगरा व मेरठ में केंद्र मिलने से आसानी होगी तो पूर्वांचल के अभ्यर्थियों के लिए गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी व लखनऊ पहुंचना ज्यादा आसान होगा। हालांकि, दूसरे जिलों में परीक्षा होने से आयोग के लिए चुनौती बढ़ेगी।


प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए आयोग को अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे। प्रश्नपत्रों को रखवाने के लिए डिजिटल लॉक वाले बक्सों की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के लिए आयोग परिसर में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित करना होगा।

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