लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र राजनीतिक और नीतिगत दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा। सत्र के दौरान सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया, वहीं विपक्ष ने शिक्षा, शिक्षक भर्ती, सेवा सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। सदन में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा भी हुई, जिसने सत्र को ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान किया।
₹24 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पेश
विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया गया। बजट में प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए कई अहम क्षेत्रों पर फोकस किया गया है।
बजट की प्रमुख प्राथमिकताएं:
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बुनियादी ढांचे का विकास
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स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार
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शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना
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औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन
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महिला और बाल विकास योजनाएं
सरकार का दावा है कि यह बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
वंदे मातरम पर विशेष चर्चा
विधानसभा में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के ऐतिहासिक महत्व पर विशेष चर्चा की गई। सत्ता पक्ष ने इसे राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बताया, जबकि विपक्ष ने अपने विचार रखते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर दिया।
शिक्षा और शिक्षकों के मुद्दे सदन में छाए
सत्र के दौरान शिक्षा से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से उठे। विपक्ष ने परिषदीय विद्यालयों की स्थिति, शिक्षक भर्ती में देरी, पदोन्नति की समस्याएं और सेवा सुरक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
मुख्य शिक्षा संबंधी मुद्दे:
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शिक्षक भर्ती और खाली पद
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महिला शिक्षकों की पदोन्नति में देरी
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एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा
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डिजिटल हाजिरी को लेकर असंतोष
सरकार ने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक
विधानसभा सत्र के दौरान कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने किसानों, शिक्षकों और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा, जबकि सरकार ने अपनी नीतियों और उपलब्धियों का बचाव किया।
सत्र का राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह शीतकालीन सत्र केवल बजट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें शिक्षा सुधार, राष्ट्रीय भावना, सेवा सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर भी गंभीर चर्चा हुई। आने वाले समय में इन चर्चाओं का असर प्रदेश की नीतियों और निर्णयों पर देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र विकास, शिक्षा और राष्ट्रीय मुद्दों के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा। अनुपूरक बजट के साथ-साथ वंदे मातरम और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर हुई बहस ने इस सत्र को खास बना दिया है।