लखीमपुर : ग्राम भल्लिया के जूनियर हाई स्कूल में नौ दिनों से मध्याह्न
भोजन नहीं बनाया जा रहा है। बच्चों, ग्राम प्रधान, अभिभावकों ने मध्याह्न
भोजन में घटिया खाद्य सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। राजनीति का
अखाड़ा बने विद्यालय में 148 छात्रों में महज 26 बच्चे ही अध्ययन के लिए आ
रहे हैं।
लखीमपुर ब्लॉक के जूनियर हाई स्कूल भल्लिया बुजुर्ग में प्रधानाध्यापिका के रवैये के चलते जहां एक ओर बच्चों की संख्या न के बराबर है।
वहीं विद्यालय में आने वाले बच्चों को 9 दिनों से मध्याह्न भोजन ही नहीं दिया गया। इसका कारण प्रधान के मुताबिक भोजन में सडे़-गले आलू, सब्जियों, घटिया मसाले, चावल आदि का प्रयोग किया जा रहा है। छात्रों ने बताया कि बेकार सब्जी के साथ चावल को उबालकर तहड़ी, पतली दाल, सड़ी सब्जियों की तरकारी बनाकर दी जा रही है। मीनू व मानक के अनुसार खाना नहीं बनता है। विद्यालय में लगभग 148छात्र-छात्राओं के पंजीकरण के बावजूद विभिन्न अनियमितताओं के चलते अब केवल 25 से 30 बच्चे ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। दो फरवरी को 26बच्चे मौजूद थे, जबकि मध्याह्न भोजन तालिका में 50 बच्चे दर्शाए गए। मध्याह्न भोजन न बनने के बावत प्रधानाध्यापिका निर्मला देवी ने बताया कि जब बच्चे खाना ही नहीं खा रहे तो किसके लिए बनवाया जाए। प्रधान मुन्ना अली अंसारी व शिक्षा समिति के अध्यक्ष संदीप सोनी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब होता जा रहा है। प्रधानाध्यापिका की लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अधर में है। खाना न बनने के बारे में एबीएसए संजय गुप्ता को बराबर सूचित किया जाता रहा है, लेकिन अब कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले के संदर्भ में बीएसए डॉ. ओपी राय ने बताया कि खाना बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान की है, लेकिन अध्यापिका द्वारा खाना बनवाया जा रहा है। मध्याह्न भोजन न बनने की सूचना मिली थी। जल्द ही बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
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लखीमपुर ब्लॉक के जूनियर हाई स्कूल भल्लिया बुजुर्ग में प्रधानाध्यापिका के रवैये के चलते जहां एक ओर बच्चों की संख्या न के बराबर है।
वहीं विद्यालय में आने वाले बच्चों को 9 दिनों से मध्याह्न भोजन ही नहीं दिया गया। इसका कारण प्रधान के मुताबिक भोजन में सडे़-गले आलू, सब्जियों, घटिया मसाले, चावल आदि का प्रयोग किया जा रहा है। छात्रों ने बताया कि बेकार सब्जी के साथ चावल को उबालकर तहड़ी, पतली दाल, सड़ी सब्जियों की तरकारी बनाकर दी जा रही है। मीनू व मानक के अनुसार खाना नहीं बनता है। विद्यालय में लगभग 148छात्र-छात्राओं के पंजीकरण के बावजूद विभिन्न अनियमितताओं के चलते अब केवल 25 से 30 बच्चे ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। दो फरवरी को 26बच्चे मौजूद थे, जबकि मध्याह्न भोजन तालिका में 50 बच्चे दर्शाए गए। मध्याह्न भोजन न बनने के बावत प्रधानाध्यापिका निर्मला देवी ने बताया कि जब बच्चे खाना ही नहीं खा रहे तो किसके लिए बनवाया जाए। प्रधान मुन्ना अली अंसारी व शिक्षा समिति के अध्यक्ष संदीप सोनी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब होता जा रहा है। प्रधानाध्यापिका की लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अधर में है। खाना न बनने के बारे में एबीएसए संजय गुप्ता को बराबर सूचित किया जाता रहा है, लेकिन अब कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले के संदर्भ में बीएसए डॉ. ओपी राय ने बताया कि खाना बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान की है, लेकिन अध्यापिका द्वारा खाना बनवाया जा रहा है। मध्याह्न भोजन न बनने की सूचना मिली थी। जल्द ही बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
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