आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। डेढ़ लाख शिक्षा मित्र फिलहाल नौकरी में बने रहेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।


सुप्रीमकोर्ट ने ये आदेश शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किये।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गत 12 सितंबर को शिक्षा मित्रों को टीईटी ट्रेनिंग के बगैर सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति किये जाने को गलत ठहरा दिया था। हाईकोर्ट ने 172000 शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद से शिक्षा मित्र नौकरी बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे। शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल की हैं।
सोमवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी और याचिकाओं में प्रतिपक्षी बनाए गए लोगों को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने मामले पर विचार का मन बनाते हुए यह भी कहा कि ये एक मानवीय समस्या है। कोर्ट ने मामले पर आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय कर दी है। इससे पहले शिक्षा मित्रों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम और महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है। केंद्र सरकार ने शिक्षा मित्रों को टीईटी ट्रेनिंग से छूट दी है। इसके बावजूद सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किये गए शिक्षा मित्रों ने दूरस्थ प्रशिक्षण के जरिये दो साल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
सभी शिक्षामित्र स्नातक हैं और 16 साल से पढ़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा बोर्ड ने भी शिक्षा मित्रों के सुर में सुर मिलाया। उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह, दुष्यंत दवे और एमआर शमशाद ने कहा कि शिक्षा मित्रों की भर्ती की नीति प्रदेश सरकार की एकतरफा सोच नहीं थी। केंद्र सरकार के सर्वशिक्षा अभियान को लागू करने के लिए शिक्षा मित्रों की भर्ती की थी। ये 16 साल से पढ़ा रहे हैं और प्रशिक्षित भी है। हाईकोर्ट ने इनका समायोजन रद करते समय इन सब पहलुओं पर विचार नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश से बेरोजगारी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
विजय बहादुर सिंह ने कहा कि आदेश के बाद से 40 शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं। बेसिक शिक्षा बोर्ड के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि शिक्षा मित्रों के सहायक शिक्षक पद पर समायोजन में किसी नियम कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि बीटीसी और टीईटी करने वाले अभ्यर्थियों के वकील का कहना था कि अगर शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन हुआ तो उनका समायोजन नहीं हो पाएगा।
पीठ ने दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम रोक आदेश पर संतोष जताते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि सुप्रीमकोर्ट उनके साथ न्याय करेगा।

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