उच्च न्यायालय ने सिपाही भर्ती-2013 के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है।
कोर्ट ने कहा है कि पहले बैच के शेष अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजा जाए।
इस बैच में साढ़े लगभग सात हजार अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग का इंतजार है जबकि
12687 को पहले ही भेजा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस आरक्षी भर्ती 2013 में 38192 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इसमें ट्रेनिंग पर भेजने के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड ने दो बैच बना दिए थे। पहले बैच में 20 हजार 166 अभ्यर्थी थे। इस बीच क्षैतिज आरक्षण में अनियमितता को लेकर अदालत में याचिका दाखिल हुई जिस पर इस भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। गत 16 नवंबर को हाईकोर्ट से स्टे आर्डर हटा तो पुलिस भर्ती बोर्ड ने पहले बैच के 12678 अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेज दिया।
शेष लगभग साढ़े सात हजार अभ्यर्थियों को यह कहकर रोक दिया गया था कि आपका केस चल रहा है। अभ्यर्थियों ने अपनी ज्वाइनिंग को लेकर नई याचिका दाखिल की जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति बी अंित स्थालेकर ने की।
याचियों की ओर से अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने बहस की और कहा कि इन सारे अभ्यर्थियों का पुलिस वेरीफिकेशन हो चुका है। इससे पहले इस बैच के अभ्यर्थी ट्रेनिंग पर भेजा जा चुके हैं। अत: इन्हें ट्रेनिंग पर भेजने में कोई समस्या नहीं है। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। आदेश में कहा गया है कि जिन-जिन अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन हो चुका है, उन्हें ट्रेनिंग पर भेजा जाए।
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उल्लेखनीय है कि पुलिस आरक्षी भर्ती 2013 में 38192 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इसमें ट्रेनिंग पर भेजने के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड ने दो बैच बना दिए थे। पहले बैच में 20 हजार 166 अभ्यर्थी थे। इस बीच क्षैतिज आरक्षण में अनियमितता को लेकर अदालत में याचिका दाखिल हुई जिस पर इस भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। गत 16 नवंबर को हाईकोर्ट से स्टे आर्डर हटा तो पुलिस भर्ती बोर्ड ने पहले बैच के 12678 अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेज दिया।
शेष लगभग साढ़े सात हजार अभ्यर्थियों को यह कहकर रोक दिया गया था कि आपका केस चल रहा है। अभ्यर्थियों ने अपनी ज्वाइनिंग को लेकर नई याचिका दाखिल की जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति बी अंित स्थालेकर ने की।
याचियों की ओर से अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने बहस की और कहा कि इन सारे अभ्यर्थियों का पुलिस वेरीफिकेशन हो चुका है। इससे पहले इस बैच के अभ्यर्थी ट्रेनिंग पर भेजा जा चुके हैं। अत: इन्हें ट्रेनिंग पर भेजने में कोई समस्या नहीं है। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। आदेश में कहा गया है कि जिन-जिन अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन हो चुका है, उन्हें ट्रेनिंग पर भेजा जाए।
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