अप्रेंटिस प्रशिक्षितों का धरना अवैध घोषित, नियुक्ति की उम्मीद की बजाए जोर का झटका मिला

इलाहाबाद : राजकीय मुद्रणालय इलाहाबाद, गेट के बाहर धरना दे रहे अप्रेंटिस प्रशिक्षित लोगों को नियुक्ति की उम्मीद की बजाए जोर का झटका मिला है। मुद्रणालय निदेशक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इस धरने को ही अवैध घोषित कर नोटिस थमा दिया है।
कहा है कि अविलंब धरने को समाप्त करते हुए मुद्रणालय के प्रवेश द्वार को खाली कर दें। निदेशक के इस पत्र से आंदोलन और तेज होने के आसार बन गए हैं। 1अप्रेंटिस संघर्ष समिति के बैनर तले अप्रेंटिस प्रशिक्षितों ने राजकीय मुद्रणालय इलाहाबाद में समायोजन की मांग पूरी न होने पर पहले 129 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। इन सभी की मांग है कि शीर्ष कोर्ट से 20 साल पहले हुए आदेश और तत्कालीन मुख्य सचिव के भी आदेश का अनुपालन करते हुए मुद्रणालय में रिक्त पदों पर उनका समायोजन किया जाए। इस आदेश की अवहेलना का अप्रेंटिस प्रशिक्षितों ने मुद्रणालय निदेशक पर आरोप लगाया है, जबकि निदेशक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि कर्मचारी सेवा नियमावली में संशोधन की फाइल शासन में लंबित है। फिलहाल निदेशक के लिखित आश्वासन पर धरना स्थगित कर दिया गया लेकिन, आश्वासन पूरा न होते देख प्रशिक्षितों ने गेट पर पांच दिनों पहले फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश गौड़ और महामंत्री रामजी यादव ने बताया कि शनिवार दोपहर बाद निदेशक ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर नोटिस थमा दी जिसमें धरने को अवैध बताया गया है, इसके लिए क्षेत्रधिकारी नगर (द्वितीय) और प्रभारी निरीक्षक थाना सिविल लाइंस इलाहाबाद के पत्र का हवाला दिया गया है, जबकि इन दोनों अधिकारियों के पत्र नोटिस में संलग्न नहीं किए गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि धरने को अवैध घोषित करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है। इसलिए अब वे आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।