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72 825 शिक्षक भर्ती मामला, हजारों युवाओं में शिक्षक बनने की उम्मीदें जगी, अफसर कर रहें हैं दिशा-निर्देशों का उल्लंघन : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

* शिक्षा मित्र केस ditag हो गया है -11 जुलाई ।
* 72825 भर्ती में समस्त याची लोगो के लिये कोर्ट सहमत है - गेंद सरकार के पाले में - सरकार चाहे तो 10 हफ्ते के अंदर नियुक्ति दे ।।

*- भर्ती अरुण टण्डन जी के मष्तिष्क से प्रेरित ।।
* नए याचियों के लिये दिल्ली दूर - अभी संघर्ष शेष है , भले ही तमाम लोग दिल्ली में है ।

राब्यू, इलाहाबाद : हजारों युवाओं में शिक्षक बनने की उम्मीदें जगी, चयनित ऑनलाइन सूची में नाम आया।
तय समय पर काउंसिलिंग हुई, लेकिन दो माह में ही सारे सपने बिखर गए। शिक्षक बनने की हसरत पाले युवा अब हाय-हाय कर रहे हैं।

प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि अफसर निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। स्पष्ट आदेश के बाद भी नौकरी मिलना दूर, उनकी काउंसिलिंग तक नहीं हो सकी है। अफसर कहते हैं कि जिन अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया, उनमें जो आए उनका चयन हुआ। दोनों के बीच लाइनें खिंच गई है कोर्ट में चल रही सुनवाई में निर्णय होगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में चल रही 72825 शिक्षकों की भर्ती के तहत 12091 युवाओं की नियुक्ति प्रक्रिया चली। इनमें वे अभ्यर्थी शामिल हैं जिनके अंक कटऑफ से अधिक होने के बाद भी वह नियुक्ति नहीं पा सके थे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर परिषद सचिव ने युवाओं से प्रत्यावेदन मांगे थे। 75 हजार प्रत्यावेदनों में 12091 चयनित किए गए, जो किसी न किसी जिले में घोषित कटऑफ से ऊपर थे, लेकिन नियुक्ति नहीं पा सके। पहले सूची ऑनलाइन होने पर हड़कंप मचा और बाद में ऊंचे कटऑफ के कारण अधिकांश दावेदार 10 फरवरी को हुई काउंसिलिंग में शामिल ही नहीं हो सके।
इसके बाद पहले क्रमिक अनशन फिर बेमियादी अनशन चल रहा है। आंदोलन करने वाले युवाओं का कहना है कि हजारों लोगों की नियुक्ति की जगह बमुश्किल कुछ सैकड़ा लोग नियुक्ति पा सके हैं, कोर्ट ने अफसरों को आदेश दिया था कि यदि जगह है तो सभी को नियुक्ति दी जाए।
युवाओं का यह भी कहना है कि 72 हजार शिक्षक भर्ती की जो प्रक्रिया चल रही है उसी कटऑफ पर उन लोगों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया, जबकि शीर्ष कोर्ट के निर्देश के बाद इसकी अलग केंद्रीय काउंसिलिंग होनी चाहिए थी।
दूसरी ओर परिषद के अफसरों का तर्क है कि शीर्ष कोर्ट ने नियुक्ति देने के बजाए अधिक कटऑफ वालों को मौका देने को कहा था। उसके अनुपालन में काउंसिलिंग कराई गई और जो अभ्यर्थी उस दायरे में थे उन्हें मौका मिला है।
सारे अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का कोई निर्देश नहीं है। यदि सुप्रीम कोर्ट आदेश देगा तो हर हाल में अनुपालन किया जाएगा।

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