IA No. 282/15 में याची बनाने के लिए सैकड़ों लोगों से आर्थिक सहयोग लिया
गया था लेकिन याची सिर्फ लगभग दो दर्जन लोग को बनाया गया था और वही लोग लाभ
पाये और नियुक्त हुये ।
जो कि अमित सिंह के नाम से है और अजीत सिन्हा ने पहली बार पैरवी की थी ।
इसी का मैंने खुलासा कर दिया था कि याची सिर्फ कुछ लोग को ही क्यों बनाया गया ?
यही से मेरे और हिमांशु राणा जी के विरुद्ध मतभेद पैदा होने की मजबूत आधारशिला तैयार हुयी ।
इसके पूर्व उन्होंने कहा था कि उन्होंने दिनांक 17 दिसंबर 2014 को लॉयर खड़ा किया था जबकि हक़ीक़त कुछ और थी ।
याची के नाम पर अनवरत लोगों को क्यों गुमराह किया जा रहा है मेरी समझ से परे है
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इसी का मैंने खुलासा कर दिया था कि याची सिर्फ कुछ लोग को ही क्यों बनाया गया ?
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इसके पूर्व उन्होंने कहा था कि उन्होंने दिनांक 17 दिसंबर 2014 को लॉयर खड़ा किया था जबकि हक़ीक़त कुछ और थी ।
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