समायोजित सहायक शिक्षकों की रातों की नींद गायब: समायोजित शिक्षामित्रों का निदेशक ने मांगा डाटा

शिक्षामित्रों के संघर्ष की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। शिक्षक का दर्जा हासिल करने को उन्होंने पुलिस की लाठियों भी खायीं, तब हाईकोर्ट से राहत मिली और सहायक शिक्षक बनने का ख्वाब पूरा किया। फिलहाल
समायोजित शिक्षकों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है।
अब समायोजित सहायक शिक्षकों की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही है। कोर्ट का रुख देख निदेशक ने समायोजित सहायक शिक्षकों का डाटा बीएसए से तलब किया है।
शिक्षामित्रों के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में दायर की गई एक रिट की सुनवाई अक्टूबर माह के अंत में होनी है। समायोजित शिक्षकों के साथ ही शासन में भी ऊहापोह के हालात बन गए है। सुनवाई के मद्देनजर बेसिक शिक्षा निदेशक ने तीन सितंबर को सभी बीएसए को एक पत्र जारी किया है। समायोजित सहायक शिक्षकों का ब्यौरा 10 अक्टूबर तक बीएसए से तलब किया गया है। जिसमें समायोजित शिक्षक का नाम, स्कूल, मोबाइल नंबर और शैक्षिक योग्यता का डाटा बेस शामिल है। विभाग की इस तैयारी के पीछे का कारण शिक्षामित्रों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका है। जिसके चलते सरकार व अधिकारी सुनवाई के पहले ही तैयारियों को मुकम्मल करने में जुटे हैं। जनपद के तीन हजार से अधिक समायोजित सहायक शिक्षकों की रातों की नींद गायब हो गई है। हर कोई क्या होगा? के बारे में सोचकर परेशान हैं। कोई बाबुओं से तो कोई अफसरों से भविष्य की आहट लेने में जुटा है। तो वहीं 170 शिक्षामित्र जो कि समायोजन के इंतजार में उनका भी हाल बेहाल है। बीएसए दीवान ¨सह यादव ने बताया कि निदेशक के आदेश के तहत समायोजित सहायक शिक्षकों का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है।
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