शिक्षकों पर गिरी गाज: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में नहीं ले रहे रुचि: इलाहाबाद

जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। पांचवी क्लास के बच्चे को नौ का पहाड़ा नहीं आता। सातवीं क्लास के बच्चे अंग्रेजी में शून्य हैं। समय से पहले ही स्कूल बंद कर दिए जाते हैं और शिक्षक मनमानी कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कोरांव व मेजा क्षेत्र में कई स्कूलों की जांच कराई तो यह हकीकत सामने आई। इसमें छह शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी गई है और कई शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है।1स्कूलों के संबंध में लगातार शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी ने एसडीएम कोरांव और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जांच करवाई। पिछले दो दिनों में दस स्कूलों में छापे मारे गए तो ये बदहाली सामने आई। अंदावा बहादुरपुर के प्राथमिक व जूनियर दोनों स्कूल दोपहर 2.40 पर ही बंद मिले। यहां सभी का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा गया है। कौंधी छातर के जूनियर हाईस्कूल में शैक्षिक गुणवत्ता बेहद खराब मिलने पर तीन शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी गई है। प्राथमिक विद्यालय छातर में भी दो शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। बसगढ़ी के प्राइमरी में हेडमास्टर की वेतनवृद्धि रोकी गई तो कौंधा प्राइमरी में एक शिक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि व चार शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया।
इसी तरह ढेरहन व खपटहिया प्राइमरी स्कूलों में पांच शिक्षकों का वेतन रोका गया। ढेरहन जूनियर स्कूल नौ बजे ही बंद मिला। ऐसे में पूरे स्टाफ का वेतन रोक दिया गया है। मेजा के घूरी प्राइमरी स्कूल में भी शैक्षिक गुणवत्ता समेत कई खामियों के कारण पूरे स्टाफ का वेतन भी रोक दिया गया।

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