सादाबाद ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की जन्मतिथि पर अफसर को शक है। अब उनके हाईस्कूल के प्रमाण पत्र का सत्यापन बीएसए करेंगी। जिले में करीब एक हजार से अधिक समायोजित शिक्षक विद्यालयों में तैनात हैं।
सादाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बास पोहपी में समायोजित शिक्षक अमर सिंह ने काउंसलिंग के समय अपने प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कराया था। तत्कालीन बीएसए देवेंद्र गुप्ता के निर्देश पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्रों का सत्यापन बोर्ड से कराया गया। शिक्षक की हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 24-01-1973 अंकित है। इसी प्रमाण-पत्र को शिक्षक ने कार्यालय में तैनाती के समय कराया था। जब इसे क्षेत्रीय सचिव मेरठ बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा परिषद भेजा गया तो वहां सत्यापन के दौरान जन्मतिथि में भिन्नता पायी गई। बोर्ड ने शिक्षक की जन्मतिथि 24-03-1969 दर्शायी है। तत्कालीन बीएसए ने शिक्षक को नोटिस देकर जवाब मांगा। शिक्षक ने बोर्ड से हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति निकलवाई। बताते हैं कि उसमें जन्मतिथि 24-03-1969 है और उसकी प्रति बीएसए कार्यालय में जमा करा दी गई। मगर, तत्कालीन बीएसए ने द्वितीय प्रति को मान्य नहीं किया। तत्कालीन बीएसए का तबादला हो जाने के बाद शिक्षक ने नवागत बीएसए रेखा सुमन से कई माह पहले वेतन चालू कराने की गुहार लगाई, लेकिन बीएसए ने पूरी प्रकरण की जानकारी करने के बाद अब पुन: शिक्षक के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराएंगी।6शिक्षामित्र के पद से बने थे सहायक अध्यापक 16सादाबाद के प्राथमिक विद्यालय बास पोहपी में हैं तैनात 16जन्मतिथि में गड़बड़ी करना पड़ सकता है महंगाशिक्षक अमर सिंह के मुताबिक, 1986 में हाईस्कूल का प्राइवेट फार्म भरा था। परीक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। 1995 में इंटर की परीक्षा पास की। प्रमाण पत्र में जन्मतिथि भिन्न होने की जानकारी सत्यापन के बाद हुई। इसे सही कराने के लिए मेरठ बोर्ड भी गया, लेकिन दो साल के बाद संशोधन नहीं करने का हवाला देकर टरका दिया गया। बाद में द्वितीय प्रति प्रमाण पत्र की बोर्ड ने उपलब्ध कराई, जिसे बीएसए को उपलब्ध कराया गया। मेरठ बोर्ड की त्रुटि के कारण ही वेतन नहीं मिल रहा है, जबकि मैं अपनी जन्मतिथि का शपथपत्र देने के लिए तैयार हूं।
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सादाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बास पोहपी में समायोजित शिक्षक अमर सिंह ने काउंसलिंग के समय अपने प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कराया था। तत्कालीन बीएसए देवेंद्र गुप्ता के निर्देश पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्रों का सत्यापन बोर्ड से कराया गया। शिक्षक की हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 24-01-1973 अंकित है। इसी प्रमाण-पत्र को शिक्षक ने कार्यालय में तैनाती के समय कराया था। जब इसे क्षेत्रीय सचिव मेरठ बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा परिषद भेजा गया तो वहां सत्यापन के दौरान जन्मतिथि में भिन्नता पायी गई। बोर्ड ने शिक्षक की जन्मतिथि 24-03-1969 दर्शायी है। तत्कालीन बीएसए ने शिक्षक को नोटिस देकर जवाब मांगा। शिक्षक ने बोर्ड से हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति निकलवाई। बताते हैं कि उसमें जन्मतिथि 24-03-1969 है और उसकी प्रति बीएसए कार्यालय में जमा करा दी गई। मगर, तत्कालीन बीएसए ने द्वितीय प्रति को मान्य नहीं किया। तत्कालीन बीएसए का तबादला हो जाने के बाद शिक्षक ने नवागत बीएसए रेखा सुमन से कई माह पहले वेतन चालू कराने की गुहार लगाई, लेकिन बीएसए ने पूरी प्रकरण की जानकारी करने के बाद अब पुन: शिक्षक के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराएंगी।6शिक्षामित्र के पद से बने थे सहायक अध्यापक 16सादाबाद के प्राथमिक विद्यालय बास पोहपी में हैं तैनात 16जन्मतिथि में गड़बड़ी करना पड़ सकता है महंगाशिक्षक अमर सिंह के मुताबिक, 1986 में हाईस्कूल का प्राइवेट फार्म भरा था। परीक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। 1995 में इंटर की परीक्षा पास की। प्रमाण पत्र में जन्मतिथि भिन्न होने की जानकारी सत्यापन के बाद हुई। इसे सही कराने के लिए मेरठ बोर्ड भी गया, लेकिन दो साल के बाद संशोधन नहीं करने का हवाला देकर टरका दिया गया। बाद में द्वितीय प्रति प्रमाण पत्र की बोर्ड ने उपलब्ध कराई, जिसे बीएसए को उपलब्ध कराया गया। मेरठ बोर्ड की त्रुटि के कारण ही वेतन नहीं मिल रहा है, जबकि मैं अपनी जन्मतिथि का शपथपत्र देने के लिए तैयार हूं।
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