Breaking Posts

Top Post Ad

शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट से फिर तगड़ा झटका, टीईटी से नहीं मिलेगी छूट, टीईटी में छूट को बताया संविधान विरुद्ध मामला

हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त करने के लिए शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) में छूट प्रदान करने को निरस्त कर दिया है। इससे उन शिक्षा मित्रों के हाथ मायूसी लगी है, जिन्होंने शिक्षक योग्यता परीक्षा दिए बिना ही नियुक्ति पाई थी।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। रुद्रपुर (जिला ऊधमसिंह नगर) निवासी ललित आर्या व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड सरकार की ओर से शिक्षा मित्रों को शिक्षक योग्यता परीक्षा में छूट प्रदान करते हुए प्राथमिक शिक्षक रूप में समायोजित किया गया है। यह एनसीटीई और राइट टू एजूकेशन एक्ट के विरुद्ध है।
टीईटी में छूट को बताया संविधान विरुद्ध मामला

नैनीताल हाईकोर्ट
याची का यह भी कहना था कि प्रदेश सरकार को यह छूट प्रदान करने का अधिकार नहीं है। केंद्र के मात्र एक पत्र के आधार पर यह छूट प्रदान की गई है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस नियम को निरस्त करते हुए आदेश पारित किया।

हाईकोर्ट के मुताबिक टीईटी एक अनिवार्य योग्यता परीक्षा है। बिना टीईटी पास किए किसी भी अभ्यर्थी शिक्षा मित्र को प्राथमिक शिक्षक के पद पर समायोजित करना गलत है। कोर्ट ने अवधारित किया कि अनिवार्य योग्यता में छूट प्रदान करना संविधान के विपरीत है।
फैसले से बड़ी संख्या में प्रभावित होंगे शिक्षामित्र

सरकार की ओर से नियमों की अनदेखी कर छूट प्रदान करना अवैधानिक है। हाईकोर्ट के इस फैसले से उन शिक्षा मित्रों को झटका लगा है, जिन्होंने शिक्षक योग्यता परीक्षा पास नहीं की थी। प्रदेश में ऐसे प्राथमिक शिक्षकों की संख्या करीब पांच सौ बताई जा रही है।

पूर्व में सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि इन शिक्षकों को इग्नू से प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा भी कराया जाएगा।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook