मिडिल शिक्षक भर्ती विशेष: प्राइमरी में बीएड कि भर्ती नहीं हो रही होती यदि......जानिए क्या कहते हैं टीईटी भर्ती पर हिमांशु राणा

मिडिल भर्ती विशेष :-कोई कुछ भी कहे लेकिन आज अरुण टंडन साहब को याद कर ही लीजिये अगर वे न होते तो जान लीजिये आज प्राइमरी में बीएड कि भर्ती नहीं हो रही होती |कोई भी विज्ञापन आये किसी भी सरकार के समय में (कोर्ट में आप स्टेट या सरकार ही बोलते हैं) और स्टेट चाहे तो विज्ञापन को वापस भी ले सकती है
परन्तु अरुण टंडन साहब जानते थे कि इससे पहले ये दांव सपा सरकार खेले और साईकल के पीछे बैठे शिक्षक बनकर प्राथमिक शिक्षा को धता पढाएं उन्होंने नया विज्ञापन ही निकलवा दिया , परिणाम स्वरूप खंडपीठ को पुराने और नए विज्ञापन में से एक का चुनाव पडा और भला हो वृहद पीठ का जिसने एनसीटीई के क्लॉज़ 9 b की व्याख्या शिव प्रकाश शर्मा वाले केस में कर दी |

अब बात करते हैं उपरोक्त उल्लेखित बातों को ध्यान में रखते हुए मिडिल भर्ती की :-
क्या आज के समय में केवल अकादमिक अंकों नौकरी पाए हुए सुरक्षित हैं या जो ये सोच रहे हैं कि भर्ती ख़त्म करकर टेट मेरिट पर उनका चयन सुरक्षित हो जाएगा वे सुरक्षित हैं ?
कोर्ट न्याय करती है समझौता नहीं ये सोनो पक्षों को मान लेना चाहिए यानी पुराना विज्ञापन बचना नहीं है और उसके विकल्प में अरुण टंडन साहब वाला अरेंजमेंट नहीं है तो जब विज्ञापन निरस्त तो फिर क्या होगा ?
सरकार को आदेश दिया जाएगा कि आप नया विज्ञापन लेकर आइये जिसमे वृहद पीठ के और एनसीटीई के क्लॉज़ 9 b के अनुसार भारांक हो तब चयन प्रक्रिया संभव है फिलहाल तो नहीं और ये एक सुझाव होगा क्यूंकि कोर्ट बाउंड नहीं कर सकती है विज्ञापन के लिए सरकार को |

पहले तो सबसे बड़ा भूचाल आएगा पुराना विज्ञापन निरस्त होने पर खैर वो भी देखा जाए अगर नया आया तो उससे भी बड़ा भूचाल क्यूंकि सोचने वाली बात है कि क्या 25 नवम्बर 2016 यानी कल की रात के पश्चात पुराने आवेदक या मिडिल टेट उत्तीर्ण 2011 काबिल रह जाएंगे और उन्हें क्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत नए आवेदकों को नजरअंदाज करना होगा साथ में प्रक्रिया में भाग लेने से ?

भर्ती तो ये माननीय सर्वोच्च न्यायालय जा ही रही है परन्तु दोनों दलों ने भूचाल लाने के इंतजाम यहीं हाई कोर्ट में चाहा वर्ना ट्रान्सफर पेटिशन फाइल करके ये केस भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ले जाते |

फिलहाल तो मजे टेट मेरिट की चाहत इसी विज्ञापन पर रखने वाले आवेदकों के सपनों को देखने वाली है कि क्या ये ही विज्ञापन पर चयन का आधार वे बदलवा पाएंगे या नहीं ?

इससे भी इतर सबसे ज्यादा मौज बीटीसी वालों की भर्तियों की है (शकुल भाई) |
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