जूनियर भर्ती के सन्दर्भ में आज माननीय उच्च न्यायालय में आये हुए आदेश के मुख्य अंश 16वें संशोधन को माननीय सी जे साहब ने 15वें संशोधन के क्रम में सही नहीं माना है अतः उसे निरस्त रखा गया है इसका
परिणाम ये निकला कि इससे सुधीर अगग्रवाल साहब के 18अगस्त 2015 वाले आदेश के सिर्फ उस बिंदु की पुनरावृत्ति हुई है जिसमे उन्होंने 16वें को non workable माना था। इसका परिणाम ये निकला कि सुधीर अग्रवाल साहब के आदेश के विरुद्ध फाइल की गयी 657/2015 दीपक शर्मा और अन्य दूसरी SLPकी प्रेयर को जज साहब ने मना कर दिया और श्रीकांत दुबे की रिट जिसमे सुधीर अग्रवाल साहब के आदेश के सन्दर्भ में 16वें संशोधन को निरस्त करने की मांग की गयी थी को ख़ारिज कर दिया। अर्थात 16वें को निरस्त करने में जूनियर की अपीलों का निरस्त होंना तथा 16 को निरस्त करने वाली रिट का allow होना।
💎NCTE के clause 9(बी) को challange करने को जज साहब ने सही नहीं माना और शिव कुमार शर्मा फुल बेंच के आदेश के सन्दर्भ में 9(बी) को challanage करने वाली सभी रिटों को ख़ारिज कर कर दिया
💎चूँकि कोर्ट ने ये माना कि 4 issues जो सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं और ये सारे बिंदु सुप्रीम कोर्ट में निस्तारण हेतु लंबित है अतः सुप्रीम कोर्ट में पक्षकारों को अपनी बात रखनी चाहिए।
💎पूरे जजमेन्ट में कोर्ट की सारी ऑब्जरवेशन NCTE के इर्द गिर्द रही जिसमे मुख्य बिंदु NCTE के अधिकारों तथा उसके द्वारा बनायीं गयी guidelines पर focussed रही।
💎जूनियर भर्ती को निरस्त करने संबंधी कोई भी ऑब्जरवेशन कोर्ट के द्वारा कहीं नहीं की गयी और न ही किसी प्रकार की कोई समय सीमा है जैसा कि कुछ पोस्टों में ये बात बताई गयी थी पूरी तरह अनर्गल है। पूरी तरह अफवाह है। जैसा कि कोर्ट ने 24 को कहा था सभी सेफ है और प्रोटेक्टेड है तो आज ये प्रश्न कहाँ से आ गया कि जूनियर 22 feb 2017 तक एकदम बकवास है।
💎कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट अपनी बात रखनी है और इसमें तनिक भी संदेह किसी साथी को न हो की जूनियर असुरक्षित है।
शेष आर्डर का पूरा विश्लेषण करने के पश्चात।
धन्यवाद
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परिणाम ये निकला कि इससे सुधीर अगग्रवाल साहब के 18अगस्त 2015 वाले आदेश के सिर्फ उस बिंदु की पुनरावृत्ति हुई है जिसमे उन्होंने 16वें को non workable माना था। इसका परिणाम ये निकला कि सुधीर अग्रवाल साहब के आदेश के विरुद्ध फाइल की गयी 657/2015 दीपक शर्मा और अन्य दूसरी SLPकी प्रेयर को जज साहब ने मना कर दिया और श्रीकांत दुबे की रिट जिसमे सुधीर अग्रवाल साहब के आदेश के सन्दर्भ में 16वें संशोधन को निरस्त करने की मांग की गयी थी को ख़ारिज कर दिया। अर्थात 16वें को निरस्त करने में जूनियर की अपीलों का निरस्त होंना तथा 16 को निरस्त करने वाली रिट का allow होना।
💎NCTE के clause 9(बी) को challange करने को जज साहब ने सही नहीं माना और शिव कुमार शर्मा फुल बेंच के आदेश के सन्दर्भ में 9(बी) को challanage करने वाली सभी रिटों को ख़ारिज कर कर दिया
💎चूँकि कोर्ट ने ये माना कि 4 issues जो सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं और ये सारे बिंदु सुप्रीम कोर्ट में निस्तारण हेतु लंबित है अतः सुप्रीम कोर्ट में पक्षकारों को अपनी बात रखनी चाहिए।
💎पूरे जजमेन्ट में कोर्ट की सारी ऑब्जरवेशन NCTE के इर्द गिर्द रही जिसमे मुख्य बिंदु NCTE के अधिकारों तथा उसके द्वारा बनायीं गयी guidelines पर focussed रही।
💎जूनियर भर्ती को निरस्त करने संबंधी कोई भी ऑब्जरवेशन कोर्ट के द्वारा कहीं नहीं की गयी और न ही किसी प्रकार की कोई समय सीमा है जैसा कि कुछ पोस्टों में ये बात बताई गयी थी पूरी तरह अनर्गल है। पूरी तरह अफवाह है। जैसा कि कोर्ट ने 24 को कहा था सभी सेफ है और प्रोटेक्टेड है तो आज ये प्रश्न कहाँ से आ गया कि जूनियर 22 feb 2017 तक एकदम बकवास है।
💎कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट अपनी बात रखनी है और इसमें तनिक भी संदेह किसी साथी को न हो की जूनियर असुरक्षित है।
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