विवादों का पिटारा बनचुकी उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की जटिलताओं का निस्तारण करेगी ,देश की सर्वोच्च अदालत ।। एक नजर---इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ,किये गए शिक्षा अधिनियम संशोधन 15 व 16 को किया निरस्त।
जिससे, विगत् 4 वर्षों से एकेडमिक आधार पे चल रही समस्त भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होना तय।
* हाईकोर्ट ने बृहद पीठ के निर्णय को आधार मानते हुए ,9 बी के तहत टेट भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जासकता ।
परन्तु सरकार द्वारा ,कोर्ट में शिक्षा अधिनियम संशोधन 15 व 16 पर माननीय सुप्रीमकोर्ट में 2 नवंबर की डेट पे निर्धारित बिंदुओं पे निर्णय लम्बित होने की दशा स्पष्ठ करने की बदौलत माननीय हाईकोर्ट द्वारा निर्णय सुप्रीमकोर्ट के आधीन किया ।
--मुद्दे जिनका निस्तारण सर्वोच्च अदालत करेगी--
1: --शिक्षा अधिनियम संशोधन 12 बनाम 15 व 16,
( निस्तारण बिंदु-9बी )।
2---7 दिसम्बर के आदेश 1100 तदर्थ शिक्षक नियुक्ति आधार पे हजारों योज्ञ अचयनितों के अधिकारों का संरक्षण ,जो विगत् 1 वर्ष से प्रमुख मुद्दा कोर्ट में छाया हुआ है।
3----1लाख 38 हजार ,शिक्षा मित्र जिन्हें हाईकोर्ट द्वारा अवैध करार दिया जा चुका है।
:-साथियों ,जहाँ 12 वां संशोधन टेट को मेरिट का आधार पूर्ण प्रतिशत में रखा गया व माननीय सुप्रीमकोर्ट ने भी अब तक इसी आधार पे 68 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति राहत देरखी है ,शेष गतिमान ।
महत्वपूर्ण---9 बी : should given weightage ,बृहद पीठ ने स्वयं इस मुद्दे पे टेट के भारांक को अनिवार्य माना है ।
जो 1 से 100 प्रतिशत तक ,निर्भय करता है ,राज्य सरकार पे
अतः72825 भर्ती प्रक्रिया ,इन दशाओं का पालन करती प्रतीत होती है।
ये तथ्य और है, गर 15 वां संशोधन के तहत टेट भारांक दे कर राज्य सरकार अपनी ड्रीम भर्ती को तहस नहस होने से बचा सकती थी ,परन्तु जिद ले डूबी।
----दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा तदर्थ शिक्षक की बाट जोहरहे हजारों योज्ञ युवाओं का है --जिसका हल स्वयं माननीय दीपक मिश्रा जी , RTE के अनुपालन से जोड़ कर देख रहे हैं।
फल स्वरूप डिटैग शिक्षामित्रों के मुद्दे को पुनः साथ रख कर --योज्ञता बनाम अयोज्ञता , की जीत व हार का फैसला करेंगे।
एक ओर जहाँ 72825 भर्ती 12 वां ,पे पूर्ण होने को है वही 90 हजार संकट में है ( उन स्थितियों पे जहाँ टेट के भारांक पर सुप्रीमकोर्ट अन्तिम निर्णय पे मुहर लगाती है।)।
एक तरफ जहाँ 1 लाख 38 हजार ,शिक्षामित्रों का निर्णय होने को है ,वहीँ लाखों योज्ञ नियुक्ति पाने को हैं।
नोट-- साथियों आज समस्त विनास की जड़ स्वयं सरकार है ,जब शिक्षा अधिनियम संशोधन 15 व 16 निरस्त किया जा चुका था तब ,यथावत विगत् 4 वर्षों से एकेडमिक आधार पे भर्ती क्यों जारी रही बेहतर होता राज्य सरकार इस दिशा में सुप्रीमकोर्ट से मैटर शीघ्र निस्तारित करवाती न की युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का दुःस्शाहस करती।
------उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य कई राज्यों की निगाहें ,सुप्रीमकोर्ट के अन्तिम निर्णय पे टिकी हुई है ,क्योंकि इस बहुचर्चित शिक्षक भर्ती के मुद्दों का हल पे कई राज्यों की भर्तीयां जद में आयेंगी।
@ शिक्षा अधिकार अधिनियम -एक नजर : उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थित को दर्शाते वीडियो पर , माननीय सुप्रीमकोर्ट को नवनिहालों के भविष्य सोचने पे मजबूर किये हैं।।।।
-------- जल्द ही कुछ बेहतर परिणामों के साथ ऑर्डर का इन्तजार ।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
जिससे, विगत् 4 वर्षों से एकेडमिक आधार पे चल रही समस्त भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होना तय।
* हाईकोर्ट ने बृहद पीठ के निर्णय को आधार मानते हुए ,9 बी के तहत टेट भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जासकता ।
परन्तु सरकार द्वारा ,कोर्ट में शिक्षा अधिनियम संशोधन 15 व 16 पर माननीय सुप्रीमकोर्ट में 2 नवंबर की डेट पे निर्धारित बिंदुओं पे निर्णय लम्बित होने की दशा स्पष्ठ करने की बदौलत माननीय हाईकोर्ट द्वारा निर्णय सुप्रीमकोर्ट के आधीन किया ।
--मुद्दे जिनका निस्तारण सर्वोच्च अदालत करेगी--
1: --शिक्षा अधिनियम संशोधन 12 बनाम 15 व 16,
( निस्तारण बिंदु-9बी )।
2---7 दिसम्बर के आदेश 1100 तदर्थ शिक्षक नियुक्ति आधार पे हजारों योज्ञ अचयनितों के अधिकारों का संरक्षण ,जो विगत् 1 वर्ष से प्रमुख मुद्दा कोर्ट में छाया हुआ है।
3----1लाख 38 हजार ,शिक्षा मित्र जिन्हें हाईकोर्ट द्वारा अवैध करार दिया जा चुका है।
:-साथियों ,जहाँ 12 वां संशोधन टेट को मेरिट का आधार पूर्ण प्रतिशत में रखा गया व माननीय सुप्रीमकोर्ट ने भी अब तक इसी आधार पे 68 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति राहत देरखी है ,शेष गतिमान ।
महत्वपूर्ण---9 बी : should given weightage ,बृहद पीठ ने स्वयं इस मुद्दे पे टेट के भारांक को अनिवार्य माना है ।
जो 1 से 100 प्रतिशत तक ,निर्भय करता है ,राज्य सरकार पे
अतः72825 भर्ती प्रक्रिया ,इन दशाओं का पालन करती प्रतीत होती है।
ये तथ्य और है, गर 15 वां संशोधन के तहत टेट भारांक दे कर राज्य सरकार अपनी ड्रीम भर्ती को तहस नहस होने से बचा सकती थी ,परन्तु जिद ले डूबी।
----दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा तदर्थ शिक्षक की बाट जोहरहे हजारों योज्ञ युवाओं का है --जिसका हल स्वयं माननीय दीपक मिश्रा जी , RTE के अनुपालन से जोड़ कर देख रहे हैं।
फल स्वरूप डिटैग शिक्षामित्रों के मुद्दे को पुनः साथ रख कर --योज्ञता बनाम अयोज्ञता , की जीत व हार का फैसला करेंगे।
एक ओर जहाँ 72825 भर्ती 12 वां ,पे पूर्ण होने को है वही 90 हजार संकट में है ( उन स्थितियों पे जहाँ टेट के भारांक पर सुप्रीमकोर्ट अन्तिम निर्णय पे मुहर लगाती है।)।
एक तरफ जहाँ 1 लाख 38 हजार ,शिक्षामित्रों का निर्णय होने को है ,वहीँ लाखों योज्ञ नियुक्ति पाने को हैं।
नोट-- साथियों आज समस्त विनास की जड़ स्वयं सरकार है ,जब शिक्षा अधिनियम संशोधन 15 व 16 निरस्त किया जा चुका था तब ,यथावत विगत् 4 वर्षों से एकेडमिक आधार पे भर्ती क्यों जारी रही बेहतर होता राज्य सरकार इस दिशा में सुप्रीमकोर्ट से मैटर शीघ्र निस्तारित करवाती न की युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का दुःस्शाहस करती।
------उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य कई राज्यों की निगाहें ,सुप्रीमकोर्ट के अन्तिम निर्णय पे टिकी हुई है ,क्योंकि इस बहुचर्चित शिक्षक भर्ती के मुद्दों का हल पे कई राज्यों की भर्तीयां जद में आयेंगी।
@ शिक्षा अधिकार अधिनियम -एक नजर : उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थित को दर्शाते वीडियो पर , माननीय सुप्रीमकोर्ट को नवनिहालों के भविष्य सोचने पे मजबूर किये हैं।।।।
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