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मयंक तिवारी : सुप्रीम कोर्ट में मुख्य केस के साथ 22 फरबरी में टेग हो जाने से कई प्रकार के प्रश्न , उसके प्रतिउत्तर में संक्षेप में कुछ बिंदु आदेश के अंत में

पोस्ट में संलग्न आदेश के सुप्रीम कोर्ट में मुख्य केस के साथ 22 फरबरी में टेग हो जाने से कई साथियों के अंदर कई प्रकार के प्रश्न है कुछ आरोप स्वरुप तो कुछ संदेह स्वरुप उसके प्रतिउत्तर में संक्षेप में कुछ बिंदु आदेश के अंत में है।
ITEM NO.55
COURT NO.2
SECTION XI

SUPREME COURT OF INDIA

RECORD OF PROCEEDINGS
Petition(s) for Special Leave to Appeal (C) No(s). 1121/2017 (Arising out of impugned final judgment and order dated 01/12/2016 in WA No. 23938/2016 passed by the High Court of Judicature at
Allahabad)

VIKRAMADITYA SINGH AND ORS Petitioner(s)
VERSUS
STATE OF U.P. AND ORS Respondent(s)

(with appln. (s) for exemption from filing O.T. and permission to file synopsis and list of dates and permission to place addl. documents on record)

WITH
SLP(C) No. 2921/2017
(With appln.(s) for permission to file additional documents and exemption from filing O.T. of annexures and permission to file synopsis and list of dates and Office Report)

SLP(C) No. 1725/2017
(With appln.(s) for permission to file synopsis and list of dates and Interim Relief and Office Report)

SLP(C) No. 1980/2017
(With appln.(s) for permission to file lengthy list of dates and Interim Relief and Office Report)

SLP(C) No. 2932/2017
(With appln.(s) for permission to file certified copy of the impugned order and exemption from filing O.T. and permission to file lengthy list of dates and Office Report)

Date : 30/01/2017 This petition was called on for hearing today.

CORAM :
HON'BLE MR. JUSTICE DIPAK MISRA
HON'BLE MRS. JUSTICE R. BANUMATHI

For Petitioner(s)
Mr. Dushyant Dave, Sr. Adv.
Mr. Raju Ramchandran, Sr. Adv.
Mr. Siddhartha Dave, Adv.
Mr. R.K. Singh, Adv.
Mr. B.N. Dubey, Adv.
Mr. Rameshwar Prasad Goyal, AOR
Mr. Nidesh Gupta, Sr. Adv.
Mr. R.K. Singh, Adv.
Mr. B.N. Dubey, Adv.
Mr. Robin Khokhar, Adv.
Mr. P. Dayal, Adv.
Mr. Sajith. P, AOR
Mr. D.P. Singh Yadav, Adv.
Mr. Niraj Singh, Adv.
Mr. Nidesh Gupta, Sr. Adv.
Mr. R.K. Singh, Adv.
Mr. B.N. Dubey, Adv.
Ms. Swarupama Chaturvedi, AOR
Ms. Vriti Gujral, Adv.

For Respondent(s)
Mr. Amit Pawan, AOR
Mr. P.N. Mishra, Sr. Adv.
Mr. M.R. Shamshad, Adv.
Mr. Rajat Singh, Adv.
Mr. Aditya Samaddar, Adv.
Mr. Rakesh Mishra, Adv.

UPON hearing the counsel the Court made the following

O R D E R
List the matter on 22.02.2017.
Liberty to mention.

(Gulshan Kumar Arora)
Court Master

(H.S. Parasher)
Court Master

सीधे-सीधे स्पस्ट शब्दों में....
•इस केस के मुख्य केस CA4347-4375/2014 में टेग हो जाने से टेट मेरिट को लाभ ही हुआ होगा। आंशिक छति की भी कोई संभावना नही है।
•कई लोग इसके जुड़ जाने के बाद 72,825 (टेट मेरिट) बनाम 99,000 (गुणांक मेरिट) की नजर से इसे देख रहे है जबकि अंतिम आदेश कानून पर आधारित होगा ना की संख्या पर आधारित।
•टेट मेरिट/72,825 शिक्षकों की भर्ती माननीय इलाहाबाद हाइकोर्ट की डिवीज़न बेंच के 20/11/2013 के आदेश व् उसके पक्ष में ही माननीय सुप्रीम कोर्ट के 25/03/2014 व् 17/12/2014 से 17/11/2016 तक के सभी अंतरिम आदेशों के अधीन है अतः वह न्यायिक रूप से पूर्णतः सुरक्षित है।
•गुणांक मेरिट/लगभग 99,000 हजार भर्तियों पर 01/12/2016 को माननीय इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की डिवीज़न बेंच से शक्त टिप्पड़ी हुई है। उक्त आदेश के अनुसार टेट वेटेज ना सिर्फ अनिवार्य है बल्कि उसका वेटेज एकेडेमिक भाग से अधिक ही अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
•01/12/2016 के हाइकोर्ट के आदेश पर 30जनवरी को हुई सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगन भी ना लग पाना उसे ओर अधिक मजबूती दे रहा है।
•यहाँ मैं यह भी स्पस्ट कर दूँ कि 30/01/2017 को हुए इस SLP को CA से टेग होने के आदेश में सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े जी का नाम नही भी दिख रहा हो किंतु मैं बड़ी जिम्मेदारी से कहूँगा कि वह कोर्ट रूम में ना सिर्फ उपस्तिथि थे बल्कि उन्होंने शानदार पैरवी भी की थी बेबजह कार्य करने वालों पर अनावश्यक टिप्पड़ी करना निश्चित रूप से संगठन को कमजोर करने जैसा ही घ्रणित कार्य है।
•इसके साथ ही 22फरबरी को जुड़े एक मजबूत भाग अर्थात लगभग 1,24,000 बिना टेट पास समायोजित शिक्षामित्रों पर भी सुनवाई होनी है जिसका आधार माननीय न्यायधीश डी बाई चंद्रचूर्ण जी का आदेश है जिसके किसी भी पैराग्राफ में बदलाव कर पाना सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान दो न्यायधीशों की बैंच में संभव नही है।
•और अंत में बात करते है अब तक चयन से वंचित बीएड/टेट साथियों के याची राहत अथवा पूर्ण समायोजन की तो उपरोक्त तीनों मुद्दों के माध्यम से ही आपका कल्याण होना है क्योंकि आपका आधार भी यही है। जब सरकार ने RTE एक्ट 09 के पालन के नाम पर मानक पूरा ना करने वाले शिक्षामित्रों को समायोजित किया वहीँ से आपका अधिकार प्रभावित हो गया और आप कोर्ट जाने हेतु पात्र हो गए और जब कोर्ट द्वारा याची राहत की सुरुआत हुई तो आपका पक्ष ओर भी अधिक मजबूत हो गया।

अतः न्यायिक रूप से आप बीएड/टेट पास साथी बस चिंतन करें किन्तु अनावश्यक चिंता ना करें। आप सभी का भविष्य सुरक्षित व् उज्ज्वल है।
इन्ही शुभकामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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