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अभिलेखों में हेराफेरी रोकेगी ‘सील’, यूपी बोर्ड में अभिलेखों में हेराफेरी का मामला, अभिलेख कक्षों में शाम को सील होते ताले, सुबह खोले जाते

राब्यू, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में अभिलेखों की हेराफेरी से पर्दा नहीं उठ सका है। अफसरों की जांच टीम उन कर्मचारियों को चिह्न्ति नहीं कर सकी है, जिनका फेल अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने में हाथ रहा है। इससे पूरे सिस्टम को बड़ा झटका लगा है और जालसाजी कराने वालों के हौंसले भी बुलंद हो गए हैं।
ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए यूपी बोर्ड ने ‘सील’ का सहारा लिया है। अब हर दिन शाम को अभिलेख कक्षों के कपाट पर पड़े ताले सील होते हैं और सुबह अफसर-कर्मियों के सामने खोले जा रहे हैं। यूपी बोर्ड के इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में कई कालेजों के करीब दो सौ परीक्षार्थियों के हाईस्कूल व इंटर के रिकॉर्ड बदले जा चुके हैं। शिक्षक बनने जा रहे एक युवक की शिकायत पर यह प्रकरण उजागर हुआ। क्षेत्रीय कार्यालय के अफसरों ने पूरे प्रकरण को खंगाला। अपर सचिव लगभग संदिग्धों तक पहुंच गए थे लेकिन, पकड़े जाने के डर से वह भाग खड़े हुए। इस जालसाजी में साथ देने वाले स्कूल तक चिह्न्ति किए जा चुके हैं और बदले गए रिकॉर्ड कहां प्रयोग हुए यह तक पता लगा लिया गया है। इतना ही नहीं इस खेल में एक डुप्लीकेट अंकपत्र भी क्षेत्रीय कार्यालय से जारी हुआ। उसे हासिल करने वाले जालसाज ने अपना आइडी तक लगाया है। इसीलिए उसकी पहचान हो पाई है। रिकॉर्ड बदलवाने वाले लंबे समय तक क्षेत्रीय कार्यालय के अफसरों से मोबाइल पर संपर्क में भी रहे, क्योंकि तब तक उन्हें अहसास नहीं था कि अफसर उनकी हकीकत जान चुके हैं। कर्मचारियों पर शिकंजा कसते ही जालसाज निकल भागे। यह प्रकरण चर्चा में आने पर परिषद की सचिव शैल यादव तीन
सदस्यीय जांच टीम बनाई और जल्द रिपोर्ट देने का आदेश दिया। शिक्षा निदेशक माध्यमिक का निर्देश हुआ कि यह छानबीन की जाए कि आखिर कौन-कौन कर्मचारी दोषी हैं। यह रिकॉर्ड बदले कब गए? तमाम मशक्कत के बाद भी जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। चिंतित अफसरों ने अभिलेख सुरक्षा के लिए नियमों में बदलाव कर दिया है। जिन कक्षों में हाईस्कूल व इंटर के अभिलेख रखे हैं उस कक्ष में कर्मचारियों, अफसर एवं चौकीदार आदि के सामने ताला लगाकर उसे सील किया जाता है और अगले दिन सुबह उन्हीं के सामने खोला जाता है। निर्देश है कि यदि ताले की सील टूटी मिले तो तत्काल सूचना दी जाए, ताकि सीसी टीवी कैमरे से कक्ष का हाल जांचा जाए। अपर सचिव प्रमोद कहते हैं कि यह काम परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड दुरुस्त रखने के लिए जरूरी था। बोले, वैसे तो अभिलेख कक्ष में सीसी टीवी कैमरे लगे हैं लेकिन, हर दिन की सीडी बनवाकर रखने में काफी खर्च आ रहा था इसलिए यह रास्ता निकाला गया।

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