विगत एक पखवारे 31 जनवरी से 13 फरवरी तक पारिवारिक मांगलिक आयोजनों में व्यस्त रहने के कारण कुछ हद तक आप सभी के फोन और मैसेजों का अपेक्षानुरूप जवाब नही दे सका जिसके लिए क्षमा चाहते हैं।
काफी समय तक सोसल मीडिया से भी विरत रहा, आज सुबह जब मोबाइल देखा तो पता चला कि प्रत्येक जिलों में 22 फ़रवरी के नाम पर सहयोग लिया जा रहा है जबकि कुछ टीमों/लोगों ने तो बाकायदा अपना खाता नं भी जारी कर दिया है सहयोग प्राप्त करने हेतु। क्या वाकई पैसे की कमी हो गई?
क्या वाकई इस पैसे से टॉप लॉयर हायर किये जायेंगे?
पीछे भी कई बार ऐसा किया जा चूका है।
कुछ जिलाप्रतिनिधियों ने तो जबरन डर दिखा कर(याचिका से नाम निकालने का)वसूली की है, जबकि उनके पास पर्याप्त पैसा है।
सभी टीमों को चाहिए की अपने आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजानिक करें। आम याची को कैसे पता चले की आपके पास धन नहीं है?
एक बात और देखने को मिल रही है की अधिकतर लोगों के द्वारा याची बनाने हेतु 2000 से 3500 तक लिया गया था जबकि बाद में भी वसूली की गई थी। मेरा सभी याचियों से निवेदन है की अब तो जागो यदि आप सोते रहेंगे तो इसीप्रकार से रोते रहेंगे। अपने द्वारा दिए गए एक-एक पैसे का हिसाब लें। तभी अगला सहयोग करें।
आप किसी भी टीम से याची बने हों आपने उनके द्वारा निर्धारित शुल्क 1500-2000 से एक भी रुपया अधिक दिया है अथवा आपने याची बनने के बाद किसी भी प्रकार का शुल्क( वेरिफिकेशन, सहयोग, सर्टिफाई कॉपी) किसी को भी दिया है तो आपको पुनः सहयोग देने की कोई आवश्यकता नहीं है अपने द्वारा दिया गया धन सही उपयोग हेतु सही जगह भेजने का दबाव बनायें।
आपका
शिवेश नाथ मिश्र
सिद्धार्थ नगर
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काफी समय तक सोसल मीडिया से भी विरत रहा, आज सुबह जब मोबाइल देखा तो पता चला कि प्रत्येक जिलों में 22 फ़रवरी के नाम पर सहयोग लिया जा रहा है जबकि कुछ टीमों/लोगों ने तो बाकायदा अपना खाता नं भी जारी कर दिया है सहयोग प्राप्त करने हेतु। क्या वाकई पैसे की कमी हो गई?
क्या वाकई इस पैसे से टॉप लॉयर हायर किये जायेंगे?
पीछे भी कई बार ऐसा किया जा चूका है।
कुछ जिलाप्रतिनिधियों ने तो जबरन डर दिखा कर(याचिका से नाम निकालने का)वसूली की है, जबकि उनके पास पर्याप्त पैसा है।
सभी टीमों को चाहिए की अपने आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजानिक करें। आम याची को कैसे पता चले की आपके पास धन नहीं है?
एक बात और देखने को मिल रही है की अधिकतर लोगों के द्वारा याची बनाने हेतु 2000 से 3500 तक लिया गया था जबकि बाद में भी वसूली की गई थी। मेरा सभी याचियों से निवेदन है की अब तो जागो यदि आप सोते रहेंगे तो इसीप्रकार से रोते रहेंगे। अपने द्वारा दिए गए एक-एक पैसे का हिसाब लें। तभी अगला सहयोग करें।
आप किसी भी टीम से याची बने हों आपने उनके द्वारा निर्धारित शुल्क 1500-2000 से एक भी रुपया अधिक दिया है अथवा आपने याची बनने के बाद किसी भी प्रकार का शुल्क( वेरिफिकेशन, सहयोग, सर्टिफाई कॉपी) किसी को भी दिया है तो आपको पुनः सहयोग देने की कोई आवश्यकता नहीं है अपने द्वारा दिया गया धन सही उपयोग हेतु सही जगह भेजने का दबाव बनायें।
आपका
शिवेश नाथ मिश्र
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